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कोरोना@इमोशनः मां के अंतिम दर्शन के लिए 500 KM दूर पैदल चल पड़ा बेटा, पूरे रास्ते रोता रहा
रायपुर. कोरोना के खतरे से पूरी दुनिया जूझ रही है। लॉकडाउन के बाद से कोई अपनों के साथ नहीं जा पा रहा है। ऐसे हालातों में पूरे देश से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें और खबरें सामने आ रही हैं। आलम यह है कि ये वायरस ऐसी मौत लेकर आ रहा है कि लोग अपनों को कंधा तक नहीं दे पा रहे। ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ में हुई। दरअसल, वाराणसी में एक महिला की अचानक मौत हो गई। उसका बेटा रायपुर में रहता है और वह अपनी मां का आखिरी बार चेहरा देखना चाहता था। लेकिन जब उसको कोई बस या ट्रेन नहीं मिली तो वह पैदल चल पड़ा।
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दरअसल, युवक के मां की मौद 25 मार्च को हुई थी। लेकिन उसका मुराकीम नाम का बेटा छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में काम करता है। जैसे ही उसको मां के निधन का पता चला तो वह दो-तीन दोस्तों के साथ अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़ा।
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दोस्तों का कहना है, मुराकीम चाहता था कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार खुद करे। हमने बहुत कोशिश कि कोई साधन मिल जाए, लेकिन लॉकडाउन के चलते यहां कुछ भी नहीं मिला।
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यह एक दूसरी दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर है। इस युवक का नाम रणवीर है। लॉकडाउन के बीच यह दिल्ली से पैदल चलकर अपने घर मुरैना आ रहा था। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
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ऐसी ही यह एक तस्वीर 27 मार्च को सामने आई थी। जहां हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले 48 साल के विपिन की कोरोना के चलते मौत हो गई थी। उसका अंतिम संस्कार घरवाले चाहकर भी नहीं कर सके। विपिन के भाई ने कहा था कि वह नहीं चाहते थे कि यहां शव लाकर संक्रमण का खतरा बढ़ाया जाए।
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लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर देहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। ना उनके पास रहने के लिए छत है और ना ही पेट भरने के लिए खाना बचा है। इसकी वजह से कई लोगों के काम ठप हो गए हैं। कई ऐसे परिवार हैं जिनको दो दिन से भरपेट खाना तक नसीब नहीं हुआ है।
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