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JNU हमले के अगले दिन पुलिस को हॉस्टल से मिले अंधाधुंध कन्डोम, जानें क्या है इन तस्वीरों का सच
| Published : Jan 07 2020, 10:19 AM IST / Updated: Jan 07 2020, 10:53 AM IST
JNU हमले के अगले दिन पुलिस को हॉस्टल से मिले अंधाधुंध कन्डोम, जानें क्या है इन तस्वीरों का सच
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जेएनयू पर आधी रात में अचानक बोले गए हमले में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष हमले में बुरी तरह घायल हुई। इसके साथ-साथ 40 से ज्यादा छात्र और शिक्षक हमले में घायल हुए हैं। इसके बाद से सोशल मीडिया पर तरह-तरह के खुलासे और दावे हो रहे हैं। हमले की जांच की जा रही है घायल शिक्षक और छात्र अपना इलाज करवा रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों को एक व्यंग्यात्मक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है जो "जेएनयू में हिंसा के बाद की बताई जा रही हैं। दावा है कि, ये गर्ल्स हॉस्टल में पाई जाने वाली चीजें हैं, यहां के छात्र धन्य हैं। उनकी किताबें देखिए कैसे बुरी तरह से फट गए हैं, तस्वीर में डिल्डो और कॉन्डोम के पैकेट्स दिखाए गए हैं।"
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दरअसल हमले के बाद से सोशल मीडिया पर जेएनयू हमले को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। क्योंकि हमलावरों ने गर्ल्स हॉस्टल के अंदर घुसकर हमला किया था, लड़कियों के साथ बदसलूकी और मारपीट की गई। इसके बाद से अब गर्ल्स हॉस्टल को लेकर ये तस्वीरें वायरल की जा रही हैं जिसमें कॉन्डोम और सेक्स टॉयज दिखाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है तोड़फोड़ के बाद पुलिस को जेएनयू की छात्राओं के कमरे से ये सामान मिला, ये लोग पढ़ाई करते हैं या ये सब करने कॉलेज जाते हैं?
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अब बात आती है क्या वाकई तोड़फोड़ और हमले के बाद पुलिस को जेएनयू गर्ल्स हॉस्टल से ये सामान मिला है? तो जवाब है नहीं। दरअसल ये सभी तस्वीरें साल 2018 की है जो पहले भी ऐसे ही जेएनयू कैंपस को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल की जा चुकी हैं। पहली तस्वीर 1 फरवरी, 2018 को Imgur.com पर अपलोड की गई थी। ये एक न्यूज के साथ पब्लिश की गई थी। दूसरी तस्वीर रेडिट पर प्रकाशित चार साल पुराने लेख के साथ मिली हुई थी। यह तस्वीर imgur.com से भी ली गई थी। ऐसे ही जेएनयू को लेकर अफवाह फैलाने के लिए ये तस्वीरें भ्रामक जानकारी के साथ शेयर की जा रही हैं।
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दरअसल ये बिल्कुल भी नया नहीं है जब जेएनयू कैंपस को लेकर ऐसे भ्रम फैलाए गए हैं। जेएनयू को लेकर पहले भी कॉन्डोम वाली अफवाह फैलाई जा चुकी है। अब रविवार को नकाबपोश हमलावार हाथों में हथियार लेकर जब निहत्थे छात्रों पर टूट पड़े तो उस कवरअप करने के लिए ऐसे बेहूदा झूठ फैलाकर ध्यान भटकाया जा रहा है।