- Home
- Fact Check News
- लॉकडाउन में रेलवे स्टेशन पर लगे 'या हुसैन' के वॉटर कूलर? तस्वीर पर मचा बवाल, जानें पूरा मामला
लॉकडाउन में रेलवे स्टेशन पर लगे 'या हुसैन' के वॉटर कूलर? तस्वीर पर मचा बवाल, जानें पूरा मामला
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल दिल्ली में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन चल रहा है। रेलवे मेट्रो स्टेशन सभी बंद हैं। कुछ श्रमिक ट्रेनें चल रही हैं। ऐसे में लोग रेलवे स्टेशन पर हुसैन के नाम पर लगे इस वॉटर कूलर के लगाने को लेकर आपत्ति जता रहे हैं।
वायरल पोस्ट क्या है?
शगुन वर्मा नाम के एक यूज़र ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत के #इस्लामीकरण की तैयारी, #दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर पानी पीने से पहले #हुसैन को जानना बहुत जरूरी है, अगर इस पर #जय_श्रीराम लिखा होता तो ये साम्प्रदायिक हो जाता #दोगला_केजरीवाल क्या कोई जानता है ये हुसैन कौन था.. 😡” वर्मा के ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है।
क्या दावा किया जा रहा है?
इसी मेसेज के साथ ये तस्वीर ट्विटर और फ़ेसबुक पर वायरल है। लोग दावा कर रहे हैं कि दिल्ली के किसी रेलवे स्टेशन पर ये वॉटर कूलर लगा है और इसके साथ सांप्रदायिक महौल को लेकर सवाल उठा रहे हैं। तस्वीर को एक और अंग्रेज़ी मेसेज – “This is put on a Indian Railway platform, Think same thing put with “Drink Water, Think Shri Ram” It will be in news all over world” – के साथ ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर किया जा रहा है।
फ़ैक्ट-चेक
गूगल रिवर्स इमेज सर्च से हमें 5 मई 2018 की हुसैन रिज़वी का एक ट्वीट मिला जिसमें इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए बताया कि ‘WHOISHUSSAIN’ नाम के एक ऑर्गनाइज़ेशन ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक रेलवे स्टेशन पर ये वॉटर कूलर लगवाया था। ये दिल्ली की तस्वीर नहीं है।
सच क्या है?
‘WHOISHUSSAIN’ के बारे में सर्च करने से हमें इंस्टाग्राम पर ये तस्वीर 6 मई 2018 को पोस्ट की हुई मिली। पोस्ट के मुताबिक, अली के बेटे हुसैन और उनके 71 साथी को कर्बला के रेगिस्तान में 3 दिन तक पानी के बगैर रखा गया था और बाद में उन्हें प्यासा ही मार दिया गया था। उन्हीं की याद में इस ऑर्गनाइज़ेशन के कुछ वॉलंटियर ने ये वॉटर कूलर रायपुर के रेलवे स्टेशन में लगाया था। ‘whoishussain.org’ की शुरुआत 2012 में हुई थी और अब ये ऑर्गनाइज़ेशन 90 शहरों में कार्यरत है। ये लोग खाना बांटने से लेकर ब्लड डोनैशन कैम्प का आयोजन करते करते हैं।
12 मई 2018 को ये इमेज ट्वविटर पर सामने आई थी। इसमें लिखा था , “इमाम हुसैन को यज़ीद की ज़ालिम फ़ौज ने 3 दिन का भूखा-प्यासा शहीद किया था। इसीलिए कहा जाता है #DrinkWaterThinkHussain यानि आप पानी की अहमियत समझें पर अफ़सोस इस बात का कि कुछ कट्टरपंथियों को रायपुर स्टेशन पर एक NGO के लगाए प्याऊ पर हुसैन का नाम लिखा चुभने लगा और इसे ज़बरन हटा दिया।” इस ट्वीट में वाटर कूलर की एक और तस्वीर शेयर की गई है जिसमें “who is. Hussain?”, “Drink Water, Think Hussain” वाला पोस्टर हटा दिया गया है।
ये निकला नतीजा
इस तरह हमने देखा कि रायपुर में मई 2018 में एक NGO द्वारा लगाए गए वॉटर कूलर की तस्वीर दिल्ली के रेलवे स्टेशन की बताकर शेयर की जा रही है। साल 2018 मे वॉटर कूलर पर लगे हुसैन के पोस्टर को विवादों के चलते निकाल दिया गया था। ये तस्वीर अब लोग लॉकडाउन के बीच सांप्रदायिक माहौल बनाने के लिए शेयर कर रहे हैं। जबकि दिल्ली में ऐसा कहीं कोई वॉटर कूलर नहीं लगाया गया है। तस्वीर छत्तीसगढ़ से है और दावे फर्जी हैं।