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संडे हो या मंडे क्या रोज अंडे खाना है सही, इस तरह से खाएंगे तो सेहत बनने के बजाय हो जाएगा नुकसान
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अंडे को अच्छे से पकाकर खाना सबसे सुरक्षित माना जाता है। आप इसे उबालकर खाना शुरू करें। इसके अलावा कम तेल में बना ऑमलेट और हाफ बॉयल भी आप ट्राय कर सकते हैं।
कई लोग कच्चे अंडे को फोड़कर सीधे खा लेते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है, क्योंकि कच्चे अंडे में प्रोटीन अलग-अलग हिस्सों में होता है और इनकी बनावट ऐसी होती है कि ये आपस में मिल नहीं पाते हैं। लेकिन जब हम इसे पकाते है, तो ये आपस में मिल जाता है।
कच्चे अंडे में एविडिन प्रोटीन होता है जो बायोटिन को बनने नहीं देता है। बायोटिन एक ऐसा पोषक तत्व है जो फैट और शुगर मेटाबॉलिज्म को सही रखता है। वहीं अंडे को पकाने से एविडिन बदल जाता है जिससे शरीर को बायोटिन मिलता है, इसलिए बेहतर स्वास्थ के लिए कच्चा अंडा ना खाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) वाले लोगों को अंडे का पीला भाग यानी की जर्दी नहीं खाना चाहिए। बता दें कि अंडे के सफेद भाग में प्रोटीन ज्यादा और कोलेस्ट्रॉल कम पाया जाता है, इसलिए बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को इसका सफेद हिस्सा ही खाना चाहिए।
फास्ट कूकिंग के लिए अक्सर लोग माइक्रोवेव में अंडा पका लेते हैं, लेकिन ओवन या माइक्रोवेव में पका अंडा सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसकी हानिकारक किरणें अंडे को पोषक तत्न को कम कर देती है। इसके अलावा आपको फ्राई अंडे या फिर ऑमलेट को दोबारा माइक्रोवेव में गर्म नहीं करना चाहिए।
अपनी डाइट से ज्यादा अंडे खाना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। अक्सर हमने देखा है कि, लोग 12-15 अंडे एक साथ खा जाते है, लेकिन कई बार इससे पेट की समस्या या अपच हो सकती है। ऐसे में एक स्वस्थ इंसान को भी 1 दिन में 2-3 अंडे ही खाना चाहिए। वहीं, डायबिटीज या किसी दिल की बीमारी के मरीजों को रोजाना एक अंडा ही खाना चाहिए।
बच्चों की डाइट में 8 महीने की उम्र के बाद अंडे को शामिल किया जा सकता है, हालांकि, शुरुआत में बच्चों को केवल अंडे का सफेद भाग ही दिया जाना चाहिए।
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