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Makar Sankranti की मिठास में जहर घोल सकता है ये गुड़, खाने से पहले जान लें धोखे का सच
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हर साल जनवरी में मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्योहार तिल और गुड़ के बिना अधूरा माना जाता है। इस साल ये 15 जनवरी को होगा। इस दिन तिल और गुड़ से कई सारे पकवान बनाए जाते हैं।
संक्राति पर तिल गुड़ खाने का एक कारण ये भी है, क्योंकि ये दोनों हमारे शरीर के तापमान को ठीक रखते हैं। आयुर्वेद में भी ठंड के मौसम में तिल-गुड़ खाना बहुत फायदेमंद माना गया है। यह शरीर को गर्म रखने के साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
गजक, चिक्की, तिल के लड्डू बिना गुड़ के अधूरे है, लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाला गुड़ एक प्रकार के जहर का काम करता है, क्योंकि मार्केट में नकली गुड़ का कारोबार फल-फूल रहा है। ऐसे में नकली गुड़ खरीदने से हमें बचना चाहिए।
बता दें कि मिलावटी गुड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बायकार्बोनेट मिलाया जाता है, जो शरीर के लिए बहुत नुकसान दायक है। कैल्शियम कार्बोनेट इसलिए मिलाया जाता है ताकि उसका वजन बढ़ाया जा सके। वहीं सोडियम बायकार्बोनेट का प्रयोग पीला रंग मिलाने के बाद उसके लुक को निखारने के लिए किया जाता है।
संक्रांति पर लड्डू बनाने के लिए गुड़ खरीदते समय ध्यान दें कि हमेशा वहीं गुड़ चुनें, जिसका रंग ज्यादा भूरा हो। पीले रंग या हल्के भूरे रंग वाला गुड़ न चुनें, ये मिलावटी होता है।
बाजार में मिलने वाले नकली गुड़ का रंग आपको सफेद, हल्का पीला या कुछ लाल चमकदार मिलेगा। इसे आप पानी में डालेंगे, तो मिलावटी पदार्थ बर्तन के नीचे बैठ जाएंगा, जबकि शुद्ध गुड़ पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा।
वहीं, असली गुड़ के पकने के बाद इसकी रंगत गाढ़े भूरे या गहरे लाल रंग हो जाती है। जब इस गुड़ को पानी या दूध में मिलाया जाता है तो इसमें किसी प्रकार का रिएक्शन नहीं होता और ना ही इसकी रंगत में कोई बदलाव होता है।