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कभी खाया है नागालैंड का 'चिकन'? मुर्गी नहीं, इस जानवर के मांस को पकाकर खाते हैं लोग
फ़ूड डेस्क: भारत काफी बड़ा देश है। यहां हर कुछ मीटर पर कल्चर, पानी का टेस्ट और खाने का तरीका बदल जाता है। इसके हर राज्य की कुछ न कुछ विशेषता इसे बाकियों से अलग बनाती है। भारत में अगर नॉन-वेज की बात करें तो लोगों को चिकन काफी पसंद है। चिकन यानी मुर्गी। लेकिन अगर नागालैंड में आप चिकन खाने को कह रहे हैं तो ये मुर्गी नहीं, बल्कि किसी और जानवर का मांस होगा। जी हां, नागालैंड में मेंढक के मीट को चिकन बताकर बेचा और खाया जाता है। यहां मेंढक के मांस को काफी चाव से सभी खाते हैं। कुत्ते-बिल्ली का मांस भी है पसंद...
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दुनिया में चीन की कोरोना माहमारी के कारण काफी बदनामी हुई। चीन एक लोग कई तरह के जानवरों का मांस खाते हैं। इसी में से चमगादड़ के मीट को कोरोना फ़ैलाने का जिम्मेदार माना गया। लेकिन भारत के नागालैंड में भी लोग चीन की ही तरह अजीबोगरीब जानवरों का मांस खाते हैं।
नागालैंड के लोग बिना नॉन-वेज के रह नहीं सकते। लेकिन इनकी थाली में चिकन-मटन के अलावा सांप, घोड़ा, हिरन और कई तरह मांस भी सर्व किया जाता है। हैरानी की बात तो ये भी है कि नागालैंड में हाथी का मांस भी खाया जाता है।
नागालैंड के लोग चावल जरूर खाते हैं। उसके साथ मीट सर्व किया जाता है। खासकर मेंढक का मांस। जी हाँ, इस राज्य में चिकन की तरह ही मेंढक का मांस खाया जाता है।
मेंढक का मांस बनाने का ख़ास तरीका है। सबसे पहले मेंढक को उबाला जाता है। इसके बाद इसे ख़ास मसालों में लपेटा जाता है।
मसालों में मेरिनेट करने के बाद उसे बिल्कुल ड्राई होने तक फ्राई करें। जिस मसाले में मेंढक को कोट किया जाता है उसमें अदरक, लहसुन और मिर्च का पेस्ट होता है।
इसके बाद फ्राइड मेंढक को सलाद और पालक के साथ कूक किया जाता है। नागालैंड में हर घर में मेंढक का मांस खाया जाता है। भारत के बाकी इलाकों में जैसे चिकन-मटन मशहूर है, वैसे ही नागालैंड में मेंढक मशहूर है।