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कुदरत का करिश्मा: मां की ममता ने मृत बेटे को कर दिया जिंदा, शव चूमते ही लाल की चलने लगी सांसें
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डॉक्टर कर चुके थे मृत घोषित, मां जिंदा लौटा लाई - दरअसल, यह अनोखा मामला बहादुरगढ़ के किले मुहल्ले का है। जहां दंपत्ति हितेश और जाह्नवी के बेटे को टाइफाइड हो गया था। वह रोहतक के एक निजी अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली जाने की सलाह दी। पति-पत्नी उसे दिल्ली ले गए। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने 26 मई को बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वह रोते-बिलखते बेटे का शव लेकर घर लौट आए।
बेटे के शव से लिपट कहे जा रही थी मां बेटे जिंदा हो जा... रात हो जाने के चलते बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। परिवार ने बच्चे का शव बर्फ पर रखा। सुबह होते ही वह मासूम को दफनाने की तैयारी करने लगे। आसपास के लोग और रिश्तेदार सब आ चुके थे। अधिकतर लोग विश्राम घाट पहुंच भी गए थे। लेकिन जिस बेटे को 9 माह तक कोख में रखा और 6 साल तक उसकी किलकारी और मुस्कुराहट देख जीने वाली मां शव देने को तैयार नहीं थी। (प्रतीकात्मक फोटो)
पिता दे रहे थे मुंह से सांस, तभी बेटे ने दांत से पापा को काटा - महिला अपने मृत बेटे के सीने पर सिर रख मातम मना रही थी। जो कोई भी उसकी ममता और दर्द देखता उसकी आंखों में भी आंसू आ जाते। वह बार-बार यही कह रही थी कि मेरे जिगर के टुकड़े जिंदा हो जा, एक बार तो उठ जा..वह चादर हटाती और बेटे का चेहरा चूमती। कुछ देर बाद शव में हलचल दिखी। यह देख लोग हैरान थे। पिता हितेश और परिवार के लोग अपने मुंह से बच्चे को सांस देने लगे। कुछ लोगों ने उसका सीना दबाना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि इसी बीच बच्चे ने पिता के होंठ पर दांत गड़ा दिए। इसके बाद परिवार में खुशी लौट आई और वह उसे लेकर अस्पताल भागे। (प्रतीकात्मक फोटो)
हर कोई इसे मां की ममता का चमत्कार बता रहा - 26 मई की रात बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन भर्ती करने से पहले डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है। चमत्कार देखिए, इलाज होते हुए उसमें तेजी से रिकवरी शुरू हो गई। वह पूरी तरह से ठीक हो गया। मंगलवार को बच्चा ठीक होकर घर पहुंचा तो देखने वालों की भीड़ लग गई। हर कोई इसे मां की ममता का चमत्कार बताने में लगे हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)