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कानपुर में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से 56 की मौत, सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा ज्यादा, ऐसे रखें ख्याल
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डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने लगता है। इसी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक पड़ता है।
सर्दी में हार्ट अटैक आने के मुख्य कारक
-ठंड़ की वजह से ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। जिससे ब्लड की सप्लाई ठीक से नहीं होती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जिसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है।
-कोरोनरी हार्ट डिसीज के कारण सीने में होने वाला दर्द भी कड़ाके की ठंड में बढ़ सकता है। ठंड के कारण कोरोनरी आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं।
-कोल्ड वेब में शरीर के तापमान को मेंटन करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती हैं। यदि शरीर का तामपान 95 डिग्री से कम होता है तो हाइपोथर्मिया के कारण दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता हैऔर हार्ट अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक से बचने के लिए ठंड से बचना जरूरी
-मेडिकल टीम ने डायबिटीज और हार्ट पेशेंट वाले मरीजों को घर से बाहर नहीं निकले की सलाह दी है। इसके अलावा ठंड से बचने के लिए लोगों को स्वेटर, दस्ताने, मोजे और टोपी पहनने चाहिए।
-लोगों को शराब के अधिक सेवन से भी बचने की सलाह ठंड में डॉक्टर देते हैं। शराब के सेवन से शरीर के अंदर गर्मी बढ़ जाती हैं ऐसे में ठंड में बाहर निकलने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
-श्वसन संक्रमण की वजह से भी दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए लोगों को हल्के गुनगुने पानी से हाथों को बार-बार धोने की सलाह दी जाती हैं।
-दिल की बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज्यादातर लोगों क मौत इस वजह से हो जाती है क्योंकि वो दिल के दौरे के शुरुआती लक्षण को गौर ही नहीं कर पाते हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण
-सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द
-मतली या उलटी आना
-जबड़े, पीठ, गर्दन या कंधों में दर्द
-बेचैनी होना
-चक्कर आना
-सुन्नता या झुनझुनी
-सर्दी में भी पसीना आना
-हार्टबर्न होना
-ज्यादा थकान होना
सर्दी में दिल का ऐसे रखें ख्याल
-दिल से जुड़ी अगर कोई बीमारी हैं तो जिम में ज्यादा मेहनत नहीं करें।
-रोज एक्सरसाइज करें।
-40 से 50 मिनट वॉक करें।
-योग और मेडिटेशन करें।
-हेल्दी डाइट लें।
-अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच कराएं।
-फुल बॉडी चेकअप कराते रहना चाहिए।
-बाहर निकलने से पहले खुद को अच्छी तरह ढक लें।
-हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।
-वजन को कम करने की कोशिश करें।
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