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National Organ Donation Day 2021: अंगदान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है 1 इंसान, जानें इसकी पूरी प्रोसेस
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भारत में अंगदान हमेशा छोटे पैमाने पर होता रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में प्रति मिलियन आबादी पर केवल 0.65 अंगदान करते हैं। हालांकि, स्पेन में अंगदान 35 और अमेरिका में 26 प्रतिशत है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद तो भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में अंगदान में काफी गिरावट आई है।
अंगदान वह वह प्रक्रिया है, जिसके एक जीवित या मृत के शरीर से उसकी काम करने वाली चीजों को निकालकर किसी दूसरे और जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को हार्वेस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। सरल शब्दों में इसे अंगदान या ऑर्गन डोनेशन कहा जाता है।
भारत में केवल 3 प्रतिशत रेजिस्ट्रेड अंग दाता हैं। ऑल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, सालाना 1.5-2 लाख लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। लेकिन केवल 8000 के आसपास, यानी 4% लोगों को ही डोनर मिल पाते हैं। इसी तरह, हर साल लगभग 80,000 मरीजों को लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन केवल 1,800 लोगों को ही कोई डोनर मिल पाता है।
अगर कोई इंसान मरने से पहले भी अपने कुछ अंग दान करना चाहता है, तो वह किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों की मदद के लिए दान कर सकता है। इससे उसके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता है। वहीं, मृत व्यक्ति की आंखे, किडनी, लीवर, फेफड़ा, ह्रदय, पैंक्रियास और आंत का अंगदान किया जा सकता है।
हर इंसान अंगदान नहीं कर सकता है। खासकर जो लोग पहले से कोई बीमारी जैसे- कैंसर या एचआईवी से पीड़ित हो और सेप्सिस या इन्ट्रावेनस दवाओं का इस्तेमाल करने वाले अंगदान नहीं कर सकते। अंगदान करने वाले व्यक्ति के ऑर्गन्स सही काम करना चाहिए।
देश का कोई भी स्वस्थ नागरिक अंगदान कर सकता है। नवजात बच्चों से लेकर 90 साल के बुजुर्गों तक का इंसान इस प्रोसेस को कर सकता है। हालांकि, 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को अंगदान करने के लिए अपने माता-पिता की मंजूरी लेनी होती है।
अंगदान करने के लिए देश में नियम-कानून बनाए गए हैं। अगर आप अंगदान करना चाहते है, तो आप www.organindia.org पर अप्लाई किया जा सकता है। यहां रजिस्ट्रेशन करने के बाद संस्थान की ओर से एक डोनर कार्ड भेजा जाता है। जिस पर यूनिक गवर्मेंट रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होता है। ये नंबर सभी ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑरगेनाइजेशन के साथ रजिस्टर किए जाते हैं। इसके बाद आप एक ऑर्गन डोनर बन जाते है और किसी भी जरूरतमंद की मदद कर सकते हैं।
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