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Preity Zinta became mother: बिना प्रेग्नेंट हुए ऐसे बनें मां, किराए की कोख के लिए आता है इतना खर्चा
हेल्थ डेस्क : बॉलीवुड की डिंपल गर्ल और आईपीएल में पंजाब किंग्स की मालकिन प्रीति जिंटा (Preity Zinta) गुरुवार को जुड़वा बच्चों की मां बन गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने मां बनने की खबर सभी फैंस के साथ शेयर की। हालांकि, प्रीति जिंटा प्रेग्नेंट हुए बिना ही 2 बच्चों की मां बनीं। जी हां, प्रीति जिंटा और जीन गुडइनफ (Gene Goodenough) ने सरोगेसी (surrogacy) के जरिए मां- बाप बनने का फैसला किया। बता दें कि उन्होंने 2016 में ही शादी की थी और शादी के 4 साल बाद उनके घर दोहरी खुशी आई है। सरोगेसी का चलन आजकल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसी माएं जो बिना प्रेग्नेंट हुए ही मां बनने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहती हैं। वह सरोगेट मदर का सहारा लेती हैं और अपने मां बनने के सपने को पूरा करती हैं। लेकिन सरोगेसी आखिर है क्या? कहां से शुरू हुई और इसमें कितना खर्च आता है? इस बारे में कई सारे लोगों को कंफ्यूजन होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं सरोगेसी से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब...
| Published : Nov 18 2021, 02:39 PM IST
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आसान शब्दों में हम आपको बताएं तो सरोगेसी के जरिए शादीशुदा कपल बच्चा पैदा करने के लिए किसी और महिला की कोख किराए पर लेता है। वह महिला उनके बच्चे को जन्म देती है। इस प्रोसेस में पिता का स्पर्म सरोगेट मदर (surrogate mother) के एग्स से मैच करवाया जाता है और टेस्ट ट्यूब के जरिए यह सरोगेट मदर के यूट्रस में डाल दिया जाता है।
सेरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 में नए तरीके से पारित किया गया है। इसमें कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही विदेशियों, सिंगल पेरेंट, तलाकशुदा जोड़ों, लिव इन पार्टनर और एलजीबीटी समुदाय से जुड़े लोगों के लिए सरोगेसी के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सरोगेसी के दौरान सेरोगेट मदर को उसका ध्यान रखने के लिए और मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे दिए जाते हैं, ताकि वह प्रेग्नेंसी के दौरान अपना पूरा ख्याल रख सके।
ऐसी औरतें जो निसंतान रहती हैं या बार-बार गर्भपात का शिकार हो जाती है या IVF फेल होने के चलते मां नहीं बन पाती हैं, उनके लिए सरोगेसी का रास्ता खुला हुआ है। अस्पताल और डॉक्टर की मदद से ही सरोगेसी की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। सरोगेसी में अपनी संतान की चाहत रखने वाले माता-पिता एक मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ महिला को इस प्रक्रिया के लिए चुनते हैं। इसके बाद पुरुष के स्पर्म को सरोगेट मदर की कोख में डाला जाता है। 9 महीने तक वह उनके बच्चे को रखती है। 9 महीने बाद जब वह बच्चे को जन्म देती है, तो माता-पिता उस बच्चों के ले लेते है और सरोगेट मदर अपनी फीस लेकर उनकी लाइफ से चली जाती है।
भारत में भी पिछले कुछ सालों से सरोगेसी का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी से लेकर हाल ही में प्रीति जिंटा ने भी सरोगेसी के जरिए अपने मां बनने का सपना पूरा किया है। हालांकि, सरोगेसी की शुरुआत सबसे पहले गुजरात से हुई थी, जहां 65-70 साल की महिला ने अपनी बेटी के बच्चे को 9 महीने कोख में रखने के बाद जन्म दिया था। तब से धीरे-धीरे यह प्रचलन बढ़ता जा रहा है और बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के साथ-साथ एक्टर आमिर खान, शाहरुख खान, करण जौहर, तुषार कपूर जैसे एक्टर्स भी सरोगेसी के जरिए पेरेंट्स बन चुके हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार सरोगेसी एक बहुत ही महंगा प्रोसेस है। इसमें करीब 10 से 25 रुपये तक का खर्च आता है। जबकि, विदेशों में इसका खर्च 60-70 लाख तक हो जाता है।
कई बार ऐसा होता है कि सरोगेट मदर जो दूसरे के बच्चों को 9 महीने तक अपनी कोख में रखती है, वह उससे इमोशनली अटैच हो जाती है और बच्चा देने से मना कर देती है। इसके अलावा कई बार जन्म लेने वाली संतान मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर होती है, तो दंपत्ति भी उसे लेने से मना कर देते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी से पहले ही सरोगेट मदर और उस दंपति के बीच एक रजिस्ट्रेशन किया जाता है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, जो भी इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है उसे कम से कम 10 साल की जेल और 10 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
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