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1 सितंबर को इस विधि से करें भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा का विसर्जन, ये हैं 4 शुभ मुहूर्त
उज्जैन. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी (इस बार 1 सितंबर, मंगलवार) का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है और घरों में स्थापित भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इसकी विधि और शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
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सुबह 09.35 से 11.35 तक
दोपहर 12.10 से 01.00 बजे तक
दोपहर 01.10 से 02.00 बजे तक
दोपहर 03.50 से शाम 05.15 तक
- विसर्जन से पहले स्थापित गणेश प्रतिमा का संकल्प मंत्र के बाद षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।
- मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
- पूजन के समय यह मंत्र बोलें- ऊँ गं गणपतये नम:
- गणेशजी को दूर्वा अर्पित करते समय नीचे लिखे मंत्रों का जाप करें-
ऊँ गणाधिपतयै नम:
ऊँ उमापुत्राय नम:
ऊँ विघ्ननाशनाय नम:
ऊँ विनायकाय नम:
ऊँ ईशपुत्राय नम:
ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:
ऊँ एकदन्ताय नम:
ऊँ इभवक्त्राय नम:
ऊँ मूषकवाहनाय नम:
ऊँ कुमारगुरवे नम:
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश की आरती उतारें, प्रतिमा का विसर्जन कर दें और यह मंत्र बोलें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥