कौन-से 2 ग्रहों के एक ही भाव में होने से कौन सा रोग होने की संभावना रहती है?
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली देखकर उसके जीवन से जुड़ी अनेक बातों का पता लगाया जा सकता है। कई बार कुंडली के एक घर में 2 यो 2 से अधिक ग्रहों की युति बनती है। ग्रहों की इन युति के कारण शुभ-अशुभ योग बनते हैं। कई बार शत्रुों ग्रहों के एक ही भाव में होने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है और उसे कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं किन 2 ग्रहों की युति से कौन-से रोग होने की संभावना सबसे अधिक रहती है…
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1. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में बृहस्पति यानी गुरु और राहु की युति बनती है, उसे दमा, तपेदिक या श्वास की तकलीफ हो सकती है।
2. गुरु और बुध के एक ही भाव में होने से व्यक्ति को दमा या श्वास से संबंधित परेशानियां जीवन में झेलनी पड़ती है।
3. जन्म कुंडली में अगर चंद्रमा और राहु एक ही भाव में है तो व्यक्ति को मानसिक बीमारी या निमोनिया हो सकता है।
4. सूर्य और शुक्र के एक ही भाव में होने से व्यक्ति को दमा और तपेदिक जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
5. जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल और शनि एक साथ यानी एक ही भाव में होता है उसे त्वचा और रक्त से संबंधित परेशानियां हो सकती है।
6. शुक्र और राहु की एक ही भाव में होने से व्यक्ति नपुंसक हो सकता है या उसे गुप्त रोग भी हो सकते हैं।
7. जन्म कुंडली के एक ही भाव में शुक्र और केतु के होने से व्यक्ति को पेशाब, धातु रोग और शुगर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
8. गुरु और मंगल के एक ही भाव में होने से व्यक्ति को पीलिया हो सकता है।