उंगलियों के बीच की दूरी से जान सकते हैं किसी भी व्यक्ति के नेचर के बारे में
उज्जैन. हस्तरेखा में उंगलियों की लंबाई के साथ उनकी बनावट और उनके बीच की दूरी भी इंसान का स्वभाव बताती है। दो उंगलियों के बीच की दूरी से किसी भी इंसान के जीवन का महत्वपूर्ण साल भी पता किया जा सकता है। हाथ की पहली यानी इंडेक्स फिंगर पर गुरु का प्रभाव होता है। दूसरी यानी मीडिल फिंगर पर शनि का फिर रिंग फिंगर पर सूर्य और लीटिल फिंगर को बुध की उंगली माना जाता है। हर इंसान के जीवन में इन ग्रहों के फल देने का समय अलग-अलग होता है। इस तरह उंगलियों को देखकर इंसान का स्वभाव और उसकी उम्र का महत्वपूर्ण समय पता किया जा सकता है। जानिए इनसे जुड़ी खास बातें…
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तर्जनी यानी इंडेक्स फिंगर और मध्यमा (मीडिल फिंगर ) के बीच में खाली जगह हो तो व्यक्ति अपने विचारों में स्वतंत्र होता है तथा अपनी बात कहने में हिचकचाता नहीं है। इन अंगुलियों के बीच की ज्यादा दूरी कुछ लोगों को स्वार्थी भी बना देती है। वहीं इन दोनों अंगुलियों में बहुत कम दूरी होने से इंसान अंतर्मुखी या अपनी इच्छाओं को मारने वाला भी होता है। ऐसे लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण घटना उम्र के 27 वें साल में होती हैं।
मध्यमा ( मीडिल फिंगर ) और अनामिका ( रिंग फिंगर ) के बीच में दूरी नहीं होनी चाहिए। ये दोनों अंगुलियां पास-पास होना शुभ माना जाता है। इनके बीच में खाली जगह हो तो ऐसा व्यक्ति लापरवाह और असभ्य होता है। ऐसे लोग किसी के बारे में नहीं सोचते, बिना सोचे समझे बोलते हैं जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो जाती है। ऐसे लोग अक्खड़ या अपने ही हिसाब से रहने वाले होते हैं। इस तरह के लोगों को आसानी से समझाना मुश्किल होता है। ऐसे लोगों के जीवन में उम्र का 34 वां साल बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अनामिका (रिंग फिंगर) और कनिष्ठका (लिटिल फिंगर ) के बीच की खाली जगह अशुभ मानी गई है। इन दोनों उंगलियों के बीच में खाली जगह होने से व्यक्ति क्रूर और झगड़ालू होता है। अपने हक के लिए ये लोग किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। इनके स्वभाव में अपने आप क्रूरता आने लगती हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में दया और प्यार को महत्व नहीं देते। ये लोग आसानी से किसी की भावनाओं को नहीं समझते। ऐसे लोग हर काम को क्रूरता से करने का मन बना लेते हैं।