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भगवान बने डॉक्टर: महिला के सिर में 8 इंच धंसी कुल्हाड़ी, 4 घंटे में यूं कमाल कर उसे मौत के मुंह से निकाला
सागर (मध्य प्रदेश). डॉक्टरों को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता है। वह दिन रात मेहनत कर मरीजों की जान बचाने में जुटे रहते हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ऐसी ही एक खबर सामने आई है, जहां डॉक्टरों की टीम एक महिला को मौंत के मुंह से बाहर निकालकर ले आए। जबकि महिला के सिर में 8 इंच अंदर तक कु्ल्हाड़ी धसी थी। पूरी खोपड़ी खून से लथपथ थी और वह बेसुध थी। परिजनों ने भी उसके जीवित रहने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन 7 डॉक्टरों ने 4 घंटे तक लगातार ऑपरेशन कर उसकी जान बचा ली। अगर जरा सी देरी हो जाती तो शायद कुछ भी हो सकता था। आइए जानते हैं आखिर कैसे महिला के सिर में धंसी कुल्हाड़ी...
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दरअसल, यह दिल दहला देने वाली घटना एमपी के विदिशा जिले की है। जहां रेखा दांगी (36) नाम की महिला के सिर में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात आज्ञात बदमाशों ने कुल्हड़ी से हमला किया था। जिस वक्त यह हमला किया गया उस दौरान वह घर में अकेली थी। परिवार के लोग नवरात्रि के चलते मंदिर में गए हुए थे।
महिला खून से सन गई और लहूलुहान हालत में बेसुध हो गई। भतीजे अभिषेक ने परिजनों को बुलाया और सिरोंज के अस्पताल में प्राथमिक उपचार करवाकर भोपाल आए। जहां नर्मदा ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। घरवालों को उम्मीद नहीं थी कि उनकी बहू बच जाएगी। लेकिन डॉक्टरोंने उन्हें धीरज धराया और कहा सब ठीक होगा।
डॉक्टरों ने बिना देरी के महिला का इलाज शुरू किया। कुल्हाड़ी सिर में काफी अंदर तक कुल्हाड़ी धंसी थी, जिसके चलते सिर की हड्डियां भी फ्रैक्चर थीं। क्योंकि कुल्हाड़ी हड्डी को पार करते हुए सिर के करीब 6 से 8 सेंटीमीटर तक जा पहुंची थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। इस दौरान उसे ऑक्सीजन सप्लाई भी दी गई।
नर्मदा अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले न्यूरो सर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसी हालत में सीटी स्कैन भी ठीक ने काम नहीं करती है। इसलिए चोट कितनी है यह भी बता पाना या अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। हालांक हमारी टीम ने पहले सिर की ऊपरी स्किन को हटाकर हड्डी को हटाया। अंदर जितना ब्लड का क्लॉट था, उसे निकाला, फिर ऑपरेशन किया गया, यह ऑपरेशन करीब 4 घंटे चला। फिलहाल महिला की हालत खतरे से बाहर है।
नर्मदा अस्पताल के संचालक डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन में जल्दी इसलिए करना पड़ा क्योंकि कुल्हाड़ी के वार के चलते महिला के दिमाग में खून का थक्का जम गया था, कुल्हाड़ी दिमाग के हिस्से को छूकर निकल गई थी। जिसके चलते उसे ब्रेन हेमरेज का खतरा भी था। अगर देरी करते तो कुछ भी हो सकता था।