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पत्नी अभी जिंदा..और पति ने शुरू कर दी उसके अंतिम संस्कार की तैयारी, आपको भी रुला देगी युवक की बेबसी
मुंबई. कोरोना महामारी से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है, लॉकडाउ की वजह से लोगों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यानी 20 मार्च से पहले जो जहां गया था वह वहीं फंस कर रह गया। संकट के इस दौर में देश के अलग-अलग हिस्सों से बेहद ही मार्मिक खबरें सामने आ रहीं हैं। ऐसी एक बेबसी की कहानी मुंबई से सामने आई है, जिसको जानकर आपका कलेजा फट जाएगा। जहां एक पति इस कदर टूट गया कि उसने अपनी पत्नी के जिंदा रहते हुए उसके अंतिम संस्कार की तैयार शुरू कर दी है।
| Published : May 11 2020, 07:19 PM IST / Updated: May 11 2020, 07:21 PM IST
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दरअसल, बेबसी की यह कहानी बिहार के रहने वाले अतुल श्रीवास्तव की है, जो लॉकडाउन से पहले अपनी पत्नी बंदना का इलाज कराने के लिए जो बहन के साथ मुंबई आया हुआ था। बता दें कि 35 वर्षीय बंदना काफी समय से बीमार थीं, उसे किडनी का कैंसर है। जिसके चलते अतुल उसे लेकर 9 मार्च को मुंबई आ गया।
करीब एक महीने से तक अतुल ने मुंबई परेल के केईएम अस्पताल में बंदना का काफी इलाज कराया। ऐसे में पत्नी को रोजाना डॉक्टर को दिखाने के लिए अतुल ने अस्पताल के पास में ही एक कमरा किराये पर ले लिया। लेकिन उसकी हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई।
कपड़े का व्यापार करने वाले अतुल ने पत्नी के इलाज में करीब 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। यहां तक कि डॉक्टरों ने भी युवक को यही सलाह दी कि वह बदंना को घर ले जाएं, क्योंकि अब वो सही नहीं हो सकती, किसी भी दिन उसकी मौत हो सकती है।
अपनी बिगड़ती हालत के बीच बंदना ने अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की। वह अपने बच्चों से एक बार मिलना चाहती है, उसके दो बेटे हें जिनकी उम्र 10 और 11 साल है जो बिहार में अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं। लेकिन, बेबस पति चाहकर भी अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा को पूरा नहीं कर पा रहा
अपनी पूरी जमा पूंजी पत्नी के इलाज में खर्च करने वाले अतुल की स्थिति अब ऐसी नहीं रही कि वो वापस बंदना को लेकर अपने घर बिहार आ सकें। उसके पास अब महज 3 हजार रुपए ही बचे हैं। जबकि मुंबई से बिहार तक लाने का एंबुलेंस का खर्चा करीब 70 हाजर के आसपास है। इसलिए वो बिहार जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। यही नहीं हालात की गंभीरता को देखते हुए अब उन्होंने खुद को कमरे में कैद कर लिया और अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है।
अब आलम यह है कि बंदना खाना-पीना तक छोड़ दिया है। उसकी हालत में लगातार गिरावट हो रही है। लेकिन, उसके दिमाग में एक ही बात है कि वह किसी तरह अपने बच्चों से एक बार तो मिल ले। हालातों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि उसकी आखिरी ख्वाहिश पूरी हो सके।