9/11 के बाद अमेरिका में क्यों ज्यादा बच्चे पैदा होने लगे थे? बढ़ गई थी शराब की खपत
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हमले में मारे गए लोगों में 70 देशों के नागरिक थे। आंतकवादियों ने तीसरे जहाज से अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी के ठीक बाहर स्थित अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन की बिल्डिंग को टक्कर मारी थी, जबकि चौथा जहाज पेन्सिल्विनिया में क्रैश हो गया था। दुनिया के इतिहास में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है।
हाईजैक किए गए हवाई जहाज इतनी तेजी से टकराए कि 2 घंटे के अंदर ही दोनों इमारतें जमींदोज हो गईं। आसपास की इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ था।
हमला इतना बड़ा था कि ट्विट टावर के ढहने से अमेरिका को करोड़ों डॉलर्स का नुकसान हुआ था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के भीतर सिर्फ कलाकारी की इतनी वस्तुएं बर्बाद हुईं, जिसकी कीमत करीब 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 717 करोड़ रुपए थी।
हमले के बाद ट्विन टावर का मलबा कई दिनों तक जलता रहा। न्यूयॉक में फायर फाइटर्स को पूरी तरह से आग बुझाने में 100 दिन का समय लगा था।
हमले में 22 साल की एक लड़की की मौत हो गई थी। उसका नाम लिसा अने फ्रॉस्ट था। लिसा के माता पिता को मलबे से अपनी बेटी की पहचान वाली कुछ चीजें हासिल करने में एक साल लग गया। यानी एक साल बाद बेटी की पहचान हो सकी।
हमले के बाद कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भीषण हमले में 3 हजार 51 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। यानी एक झटके में इतने बच्चे अनाथ हो गए।
हमले के बाद एक और चौंकाने वाला आंकड़ा है। हमले के 9 महीने बाद पैदा हुए बच्चों का आंकड़ा चौंकाने वाला है। एक साल पहले की तुलना में हमले के 9 महीने बाद 20 फीसदी ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। हालांकि इसके पीछे की वजह का पता नहीं चला।
हमले के एक हफ्ते बाद मैनहट्टन में शराब की खपत 25% तक बढ़ गई थी। 9/11 के एक हफ्ते बाद की तुलना उसी हफ्ते में एक साल पहले से की तो पता चला कि शराब की खपत 25% बढ़ गई।