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आंखों में आंसू, रब से दुआ कि 'वो' जिंदा हों...चमोली त्रासदी से कई घर-परिवारों पर टूटा मुसीबत का पहाड़
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आंखों में आंसू लिए तस्वीर में दिखाई दे रहे शख्स हैं पोखरी गांव के रहने वाले अजय। इनके जीजा गायब हैं। बहन की शादी ढाई साल पहले ही हुई थी। दूसरी तस्वीर में रेस्क्यू टीम लगातार लोगों की जान बचाने जुटी हुई है। अजय बताते हैं कि उनके जीजा सत्यपाल बर्तवाल तपोवन साइट पर इलेक्ट्रिशयन थे। इनके एक डेढ़ साल का बेटा है। आंखों में आंसू लिए अजय बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनके जीजा सकुशल आ आएं।
यह तस्वीर एएसआई मनोज चौधरी और सुरक्षागार्ड बलवीर सिंह की है, जो चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना में बह गए। दोनों की ड्यूटी तपोवन में थी। एएसआई कर्णप्रयाग नौटी के रहने वाले थे। उनकी लाश बहते-बहते अपने ही गांव पहुंच गई थी।
चमोली प्रलय नेसिर्फ इंसानों पर कहर नहीं बरपाया, जीव-जंतुओं को भी अपनी चपेट में लिया। जलप्रलय के बाद अलकनंदा नदी में मलबा बहने से बड़ी संख्या में मछलियां मारी गईं। वैज्ञानिकों की चिंता है कि नदी के जलीय पारिस्थिति तंत्र को अपने मूल रूप में आने में 2 साल लग सकते हैं।
चमोली के तपोवन में हुए हादसे को गुरुवार को पांचवां दिन है। आशंका है कि NTPC की टनल में अब भी 39 वर्कर्स फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने टनल में 72 मीटर अंदर ड्रिलिंग की जा रही है। इसके बाद कैमरा डालकर अंदर देखा जाएगा। इस दौरान अपने लोगों की खोजखबर के लिए परिवार लगातार घटनास्थल पर डटे हुए हैं। वे परेशान हैं और भगवान से दुआ कर रहे हैं कि उनके अपने सही सलामत हों।
टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें जुटी हुई हैं। बता दें कि यह टनल करीब ढाई किलोमीटर है। इसमें मलबा भरा हुआ है।
चमोली हादसे में अब तक 32 लोगों के शव मिल चुके हैं, जबकि अभी भी 206 लोग लापता हैं। इनमें से 174 लोगों का कोई सुराग नहीं है।
चमोली त्रासदी के ऐसे कई वीडियो सामने आए, जिसमें साफ दिखाई दिया कि ग्लेशियर टूटने के बाद जो जलप्रलय आई, वो अपने रास्ते को साफ करते हुए चली गई।
चमोली हादसे के गुजरे भले ही 5 दिन हो गए हों, लेकिन लोगों में डर अब भी बराबर बना हुआ है। यह तस्वीर रेस्क्यू टीम की है, जो दिनरात लोगों को बचाने में जुटी हुई है। लेकिन जैसे-जैसे समय गुजर रहा, निराशा बढ़ती जा रही है।
टनल में फंसे लोग जिंदा होंगे या नहीं, इस बारे में अब कोई नहीं जानता। लोग सिर्फ प्रार्थनाएं कर रहे हैं और रेस्क्यू टीम का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
चमोली प्रलय ने लोगों को प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर सचेत कर दिया है। यह घटना सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
रेस्क्यू और कब तक चलाना पड़ेगा, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है। लेकिन जब तक लापता लोगों की खबर नहीं लगती, रेस्क्यू चलता रहेगा।