गांधीजी के जीवन से ले सकते हैं 10 सफलता के मंत्र
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गांधीजी का मानना था कि आपका भविष्य इस बात पर निर्भर है कि आप आज क्या सोचते और करते हैं। लोग अकसर यही फैसले करने में गलतियां कर बैठते हैं। वो अपने कल के बारे में नहीं सोचते और सिर्फ 'आज' पर ही अपना समय, धन खर्च कर देते हैं। बापू कहा करते थे, अगर वर्तमान में फैसले सही होंगे तो भविष्य भी अच्छा होगा।
किसी भी काम को करने हो तो उसे प्रेम से करें। अगर उसे करने में मन नहीं हो तो कभी उसे ना करें।
गांधीजी के जीवन से सीख मिलती है कि काम की अधिकता ही नहीं बल्कि अनियमितता भी आदमी को मार डालती है।
महात्मा गांधी का जीवन उनके मजबूत चरित्र की पहचान है। उनका आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, अटूट साहस और अदम्य धीरज उन्हें उनके लक्ष्य यानी आजादी तक लेकर गए। उन्होंने करोड़ों लोगों को अपना मुरीद बनाया है।
कहते हैं कि ज्ञान जितना बांटोगे उतना बढ़ेगा। इसलिए सभी की मदद करें। इससे आपका व्यक्तित्व निखरेगा। ज्ञान बढ़ेगा।
गांधीजी का तीसरा मंत्र कहता है कि कोई भी कार्य करते समय धैर्य का दामन न छोड़ें। किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए राह में आने वाली परेशानियों से लड़ते रहें। सफलता के लिए आगे बढ़ते रहें।
महात्मा गांधी के जीवन से ये सीख मिलती है कि यदि हमें बार-बार असफलता का सामना करना पड़े तब भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए। हो सकता है कि इस असफता के बाद ही सफलता मिले।
जरूरी है कि आप अपने लिए वित्तीय अनुशासन जरूर आपनाएं। कल के लिए बचत करें। उस बचत को सही जगह और सही मिश्रण के साथ निवेश भी करें।
कोई भी काम करने से पहले हमें सोचना चाहिए और मूर्ख काम करने के बाद ही सोचते हैं।
गांधीजी के जीवन से सीख मिलती है कि जो समय बचाते हैं वो धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाए हुए धन के बराबर होता है।
आप प्रत्येक दिन अपने भविष्य की तैयारी करते हैं।