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खुद खतरे में थे फिर भी बचाई 3 की जान, बेटे की मौत की खबर सुन बेहोश हुई मां, ऐसा है परिजनों का हाल
| Published : Jan 03 2020, 01:56 PM IST
खुद खतरे में थे फिर भी बचाई 3 की जान, बेटे की मौत की खबर सुन बेहोश हुई मां, ऐसा है परिजनों का हाल
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अमित के मौत की खबर मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया। वहीं, परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है। जबकि मां बार-बार बेहोश हो जा रही है। इसके साथ ही पिता कृष्णपाल को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनका बेटा शहीद हो गया है।
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बालियान ने बीते एक साल में दिल्ली फायर सर्विस में सर्च और रेस्क्यू से जुड़े गुर तो सीखे ही थे, वह मानवता से भी भरे हुए थे। बेहद उत्साही स्वभाव के अमित किस तरह से अपने कर्तव्य पर डटे रहे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब इमारत का बड़ा हिस्सा गिर रहा था, तब भी वह पीछे नहीं हटे और बिल्डिंग के केयरटेकर और दो वर्कर्स को बचाने में जुटे रहे। शायद यही नियति थी कि उन्होंने तीन लोगों की जान बचाई, लेकिन खुद नहीं बच सके।
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आग पर काबू पाने के दौरान फैक्ट्री के बिल्डिंग में हुए बलास्ट में घायल एएसआई अमित बालियान की मौत के बाद परिजनों से मिलने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहुंचे। जहां, उन्होंने परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया।
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सिपाही के पिता कृष्णपाल ने बताया कि 10 माह पूर्व फरवरी में ही अमित व शिवानी की शादी हुई थी। इससे पूर्व अमित ने दिसंबर 2018 दमकल विभाग में अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी। जून, 2019 में ट्रेनिंग पूरी कर वह दमकल विभाग एफओ लग गया था। फिलहाल इसकी तैनाती कीर्ति नगर में थी। मंगलवार को अमित घर से ड्यूटी करने निकले थे। गुरुवार को उन्हें घर लौटना था।
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शुक्रवार को अमित का शव अग्निशमन ट्रेनिंग अकादमी, रोहिणी ले जाया गया। यहां प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अमित को अंतिम विदाई दी गई।
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अरविंद केजरीवाल ने कहा, बेहद दुःख के साथ बताना पड़ रहा है कि लोगों को आग से बचाते बचाते हमारा एक जांबाज शहीद हो गया। हमारे फायरमैन बेहद जोखिम भरी परिस्थितियों में अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों को बचाते हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
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दिल्ली सरकार ने अमित के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। दमकल अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री ने फायर एनओसी नहीं ले रखी थी, मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। शुरुआती जांच में शॉर्ट-सर्किट की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं।
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ओकाया बैट्री की फैक्ट्री में गुरुवार तड़के भीषण आग लग गई थी। करीब 9.15 बजे इमारत में एक तेज विस्फोट हुआ और उसके साथ ही उसका एक हिस्सा गिरा था। उस समय फायरकर्मी अंदर निरिक्षण कर रहे थे। मलबे से चिल्लाने की आवाजें आने पर तुरंत एनडीआरएफ और दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और काफी सावधानी से मलबे को एक तरफ कर उसमें दबे लोगों को बाहर निकाला।
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हादसे में 14 दमकलकर्मी घायल हो गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने दोपहर करीब 2.30 बजे अमित को बाहर निकाला गया और उन्हें पास के बालाजी एक्शन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई।
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दिल्ली में बीते एक महीने के अंदर आग लगने की तीसरी बड़ी घटना है। सबसे पहले दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में आग लगी थी, जिसमें 43 मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद किराड़ी के फैक्ट्री में आग लगी थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी।