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ओलंपिक में जीता था गोल्ड मेडल, पैसों की तंगी के कारण हुआ ये हाल, कई खिलाड़ी बने डिलेवरी बॉय
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भुखमरी इंसान से क्या कुछ करवा देती है। जब घर वालों का पेट पालने का सवाल आता है, तो इंसान इसके लिए कुछ भी काम करने को तैयार हो जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले इस खिलाड़ी के साथ।
35 साल के लिमार्दो ने लंदन ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन कोरोना की वजह से खेल स्थगित होने के चलते उनकी लाइफ में बड़ा ही मुश्किल दौर आया।
उन्होंने बताया कि आपको अपना रास्ता हासिल करना होगा और यह बाकी की तरह ही एक नौकरी है। उन्होंने कहा कि वह ऊबर ईट्स के लिए ट्रेनिंग और फूड डिलीवरी के लिए एक खास दिन गए थे।
उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल रही हैं। इस तस्वीर में रूबैन लिमार्दो एक बड़ा सा डिलीवरी बैग लटकाए साइकिल पर बैठे नजर आ रहे हैं।
बता दें, कि रूबैन लिमार्दो ही एक मात्र ऐसे नहीं जिन्होंने ऐसा काम किया हो। वेनेजुएला नेशनल फेंसिग टीम के 20 अन्य सदस्य भी यह कर रहे हैं। लिमार्दो ने कहा कि हम लोग डिलीवरी राइडर्स हैं।
हालांकि रूबैन इस दौरान अपनी प्रैक्टिस भी जारी रखे हुए हैं। अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक में वह चमक बिखेरने के लिए तैयार हैं। वह डिलवेरी करने से पहले एक पुरानी वर्कशॉप में हफ्ते के पांच दिन इकट्ठा होते हैं। सफेद रंग की यूनिफॉर्म पहनकर तलवारबाजी की प्रैक्टिस करते है। वर्कशॉप के बाद वह हरे रंग का बैग लेकर अपने अगले काम के लिए तैयार हो जाते हैं।
खिलाड़ी ने बताया कि वेनेजुएला में काफी कम पैसा मिलता है। क्योंकि वहां पर काफी ज्यादा आर्थिक संकट है। साथ ही कोरोना महामारी ने भी कुछ बदल दिया है। इस साल टोक्यो ओलिंपिक टल गए, जिस वजह से उन्हें पैसों के लिए ये सब करना पड़ रहा है।
बता दें कि नीदरलैंड के क्रिकेटर पॉल वैन मिकेन भी कोरोना के चलते खेल बंद होने से फूड डिलीवरी ब्वॉय बन गए हैं। 27 साल के पॉल ने आखिरी मैच जून 2019 में जिम्बाव्वे के खिलाफ खेला था। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने हालात पर दुख जताते हुए लिखा है- 'इस वक्त क्रिकेट खेला जाना था, लेकिन मैं इन सर्दियों में लोगों के घर खाने के पैकेट पहुंचा रहा हूं'।