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कौन हैं Tokyo Olympics की भारतीय गोल्फर Aditi Ashok ? जानें उनसे जुड़ी 5 इंटरेस्टिंग बातें
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टोक्यो ओलंपिक 2020 से पहले अदिति अशोक 2016 के रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। रियो ओलंपिक में जब अदिति अशोक ने गोल्फ कोर्स पर कदम रखा तो उन्होंने इतिहास रच दिया था। वह 18 साल की उम्र में ओलंपिक महिला गोल्फ मैदान में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं और ओलंपिक में पहली भारतीय गोल्फर भी बनीं।
17 साल की उम्र में अदिति अशोक ने मोरक्को में लेडीज यूरोपियन टूर में जीतकर सबसे कम उम्र की और पहली भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। इस समय अदिति अशोक हाई स्कूल परीक्षा दे रही थी। इसके साथ ही अदिति ने इंडियन ओपन और कतर लेडीज ओपन में दो खिताब जीते थे।
अदिति अशोक 2016 में अपने प्रभावशाली सीजन के बाद लेडीज यूरोपियन टूर 'रूकी ऑफ द ईयर' पुरस्कार की विजेता थीं। अदिति अशोक दौरे पर अपने पहले साल में लगातार दो खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
अदिति अशोक के पिता पंडित गुडलामणि अशोक गोल्फर के कैडी हैं। कैडी एक ऐसा व्यक्ति है जो गोल्फर्स क्लब चलाता है। हालांकि, टोक्यो ओलंपिक के लिए अदिति की कैडी उनकी मां मैश अशोक हैं।
2017 में अदिति अशोक को भारत की पहली एलपीजीए खिलाड़ी होने का गौरव मिला है। LPGA का मतलब लेडीज प्रोफेशनल गोल्फ एसोसिएशन है। यह महिला गोल्फरों के लिए एक अमेरिकी संगठन है।
अदिति अशोक इस साल टोक्यो ओलंपिक में मेडल की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। लेकिन वह 1 शॉट के चलते अपना सपना पूरा नहीं कर पाई और चौथे नंबर पर रहीं। हालांकि, गोल्फ में भारत को यहां तक लेकर आना ही किसी अचीवमेंट से कम नहीं था। पहली बार ओलंपिक में कोई भारतीय खिलाड़ी गोल्फ में यहां तक पहुंचा हैं।