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ये प्रथा अजीब है! यहां शादी के बाद 3 दिन तक दूल्हा-दुल्हन को नहीं जाने देते हैं टॉयलेट, चौंकाने वाला है तर्क
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टॉयलेट नहीं जाने देने के पीछे मान्यता है कि शादी एक पवित्र समारोह होता है। अगर दुल्हा-दूल्हन टॉयलेट जाते हैं तो उनकी पवित्रता भंग हो जाती है। वे अशुद्ध हो जाते हैं।
टॉयलेट जाने को लेकर एक और मान्यता है कि ऐसा करना अपशगुन माना जाता है। इसे निभाने के पीछे दूसरा तर्क भी है। कहते हैं कि ऐसा करने से नवविवाहित जोड़े को बुरी नजर से बचाना होता है।
टॉयलेट जाने के पीछे एक तर्क दिया जाता है कि जहां पर मल त्याग किया जाता है, वहां गंदगी होती है। इस वजह से वहां निगेटिव शक्तियां होती हैं। शादी के बाद अगर तुरन्त बाथरूम जाते हैं तो उनपर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। उनके जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। यहां तक की शादी टूट भी सकती है।
दूल्हा-दुल्हन को शादी में आगे चलकर कोई दिक्कत न हो, इसलिए इस रस्म को किया जाता है। इस समुदाय के लोग मान्यताओं को बहुत ही सख्ती से मानते हैं।
इस जनजाति में शादी के बाद नए जोड़े को एक खास कमरे में ले जाया जाता है जहां उन्हें अपनी शादी के पहले तीन दिन बिताने होते हैं। उन तीन दिनों के दौरान अगर उन्हें टॉयलेट लगती भी है तो उसे रोककर रखना होता है।
नए जोड़ों को आमतौर पर कुछ लोगों की निगरानी में रखा जाता है, जिनका काम होता है कि वे देखें की कहीं कपल ने टॉयलेट का इस्तेमाल न कर ले। इसके अलावा कम खाना और पानी पिए। जिससे कि टॉयलेट न जाना पड़े।
नोट- इस खबर में इस्तेमाल की गईं तस्वीरें सांकेतिक हैं।
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