- Home
- Viral
- 14 अप्रैल को एक ऐलान के बाद शुरू हुई अफगानिस्तान की बर्बादी, टाइमलाइन के जरिए कब्जे की पूरी कहानी
14 अप्रैल को एक ऐलान के बाद शुरू हुई अफगानिस्तान की बर्बादी, टाइमलाइन के जरिए कब्जे की पूरी कहानी
- FB
- TW
- Linkdin
14 अप्रैल - राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया कि अमेरिकी सैनिक 1 मई से अफगानिस्तान से वापस लौटेंगे। इसके साथ ही अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध खत्म हो जाएगा। इसी ऐलान के बाद अफगानिस्तान के बर्बादी की कहानी शुरू हुई।
4 मई - तालिबान लड़ाकों ने साउथ हेलमंद प्रांत में अफगानिस्तान सैनिकों पर बड़ा हमला किया। उन्होंने इसके साथ ही छह अन्य प्रांतों में भी हमला किया।
11 मई - तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के ठीक बाहर नेरख जिले पर कब्जा कर लिया।
7 जून - अफगानिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि लड़ाई में 24 घंटे में 150 से अधिक अफगान सैनिक मारे गए। उन्होंने कहा कि देश के 34 में से 26 प्रांतों में लड़ाई चल रही है।
22 जून - तालिबान लड़ाकों ने देश के उत्तर में हमले तेज कर दिए। अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उन्होंने 370 में से 50 से अधिक जिलों पर कब्जा कर लिया है।
2 जुलाई - अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में अपने मेन सैनिकों कैम्पों बगराम एयर बेस से वापस चले गए।
5 जुलाई - तालिबान ने कहा कि वे अफगान सरकार को लिखित में शांति प्रस्ताव भेज रहे हैं।
21 जुलाई - सीनियर अमेरिकी जनरल ने कहा, तालिबान लड़कों ने देश के लगभग आधे से ज्यादा जिलों पर कब्जा कर लिया है।
26 जुलाई - संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मई और जून में बढ़ती हिंसा में लगभग 2,400 अफगान नागरिक मारे गए।
6 अगस्त - अफगानिस्तान के साउथ में जरंज तालिबान के हाथों में जाने वाली पहली प्रांतीय राजधानी बन गई।
13 अगस्त - एक दिन में चार और प्रांतों में कब्जा हो जाता है, वेस्ट में एक अन्य शहर हेरात पर भी कब्जा कर लिया जाता है। तालिबान के खिलाफ प्रमुख लड़ाकों में से एक कमांडर मोहम्मद इस्माइल खान को पकड़ लिया जाता है।
14 अगस्त - तालिबान ने प्रमुख शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का कहना है कि वह आगे की रणनीति पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में मदद के लिए और सैनिक भेजता है।
15 अगस्त - तालिबान ने बिना किसी लड़ाई के प्रमुख पूर्वी शहर जलालाबाद पर कब्जा कर लिया। काबुल को घेर लिया। तालिबान विद्रोही काबुल में घुस गए। आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने हेलीकॉप्टर के जरिए अपने दूतावास से राजनयिकों को निकाला।
ये भी पढ़ें
भारत से रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहता तालिबान; पाकिस्तान के 'पचड़े' को लेकर कही ये बात