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लॉकडाउन में चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर है ये TV एक्ट्रेस, पसीना पोंछते हुए बयां किया दर्द
मुंबई। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते बॉलीवुड और टीवी सेलेब्स अपने-अपने घरों में कैद हैं। सभी को लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। इसी बीच टीवी शो 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' में काम कर चुकी एक्ट्रेस रतन राजपूत का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो चूल्हे पर खाना बनाती नजर आ रही हैं। वीडियो में रतन राजपूत बताती हैं कि उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
| Published : May 17 2020, 07:24 PM IST / Updated: May 18 2020, 12:28 PM IST
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वीडियो में रतन राजपूत चूल्हे पर उड़िया मिक्स वेज बना रही हैं। इस दौरान आग की गर्मी और धुएं से रतन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रतन कभी सब्जी के लिए सिल बट्टे पर मसाला पीसती दिख रही हैं, तो कभी तेज धुआं उनकी आंखों में लग रहा है। हालांकि बावजूद इसके एक्ट्रेस चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर है।
वीडियो में रतन राजपूत कहती हैं, 'यहां बहुत गर्मी है। लॉकडाउन के दौरान मैंने कई बार फैशन करने की कोशिश की है लेकिन गांव में ये सब इतना आसान नहीं हैं। यहां पर तो बस लगता है कि पतला कपड़ा ही पहनो।
तेज धुएं से परेशान होकर रतन राजपूत बाद में आंखों में चश्मा लगा लेती हैं। रतन कहती हैं कि एक तो भीषण गर्मी, ऊपर से ये धुआं उफ्फ! गर्मी से तंग आकर रतन गत्ते का एक टुकड़ा लेकर हवा करती हैं।
रतन ने गर्मी के बारे में बताते हुए कहा कि मैं दिन में दो से तीन बार नहाती हूं, तब कहीं जाकर थोड़ी राहत मिलती है।
बता दें कि इससे पहले लॉकडाउन की शुरुआत में ही रतन राजपूत ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि वो गांव में फंस गई हैं। उन्होंने कहा था कि इस गांव में लाइट और टॉयलेट जैसी बेसिक सुविधाएं भी नहीं हैं।
लाइट न होने की वजह से वह अपना फोन भी चार्ज नहीं कर पाती हैं। इतना ही नहीं पूरे गांव में केवल एक ही जगह पर पानी मिलता है। गांव में किसी के घर में टीवी भी नहीं है और इंटरनेट के हाल तो बहुत ही बेकार हैं।
5 बहनों में रतन सबसे छोटी हैं। उनका एक छोटा भाई भी है, जिसकी शादी हो चुकी है। रतन के पिता सरकारी नौकरी करते थे, इसी वजह से उन्हें बार-बार शहर बदलने पड़ते थे। यह बात रतन को बिल्कुल पसंद नहीं थी।
रतन के मुताबिक, "पिता की नौकरी की वजह से मुझे अलग-अलग शहरों में रहने का मौका मिला। लेकिन पुरानी जगह पर हमेशा दोस्त छूट जाते थे। हर नई जगह पर दोस्त बनाना मुश्किल होता था। आज भी मुझे दोस्त बनाने में वक्त लगता है। लेकिन हां, हर शहर से जुड़ी बातें मैं आज भी मजे से याद करती हूं।"