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19 साल से '10 महीने' की है ये लड़की, जवान बेटी को डायपर पहनाती है मां, साफ़ करती है सूसू-पॉटी
हटके डेस्क: एक मां के लिए उसके बच्चे को परेशानी सबसे बड़ी होती है। काफी मुश्किल होता है एक मां के लिए अपने बच्चे को मुसीबत में देखकर। लेकिन मां की मजबूती ही बच्चे को हर परेशानी से बाहर निकाल देता है। सोशल मीडिया पर 53 साल की एनी ने अपनी बेटी के बारे में लोगों के साथ शेयर किया। इस महिला की 19 साल की एक बेटी है। लेकिन एक बीमारी के कारण वो आज भी 10 महीने की बच्ची जैसी ही है। घर पर ये जवान हो चुकी बेटी अपनी मां और 22 साल के हार्वे के साथ रहती है। डेज़ी रैनी नाम की ये 19 साल की बच्ची चर्चा में है। दरअसल,बीमारी के कारण वो अब भी डायपर पहनती है। उसे बोतल से दूध पिलाया जाता है। साथ ही उसकी मां ही उसे कपड़े पहनाती है। तस्वीरों में देखिये कैसे ये मां अपनी छोटी सी बच्ची का ध्यान रखती है...
| Published : Sep 02 2020, 04:35 PM IST
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एनी रैनी अपनी 19 साल की बेटी का आज भी एक बच्ची की तरह ख्याल रखती है। बीमारी की वजह से डेजी आज भी एक बच्ची जैसी है। उसकी बॉडी बड़ी हो गई है लेकिन दिमाग की ग्रोथ नहीं हुई है।
19 साल की डेजी खुद चल-फिर लेती है। लेकिन बीच-बीच में उसे दौरे पड़ते रहते हैं। उसके पेरेंट्स ने उसके कमरे में एक बेबी मॉनिटर लगा दिया है। ताकि उसपर नजर रखी जा सके।
डेजी की मां हर रात लगभग चार बार उसके कमरे में आकर चेक करती है। डेजी फिजिकली काफी स्ट्रांग है लेकिन जब भी उसे कोई चीज चाहिए होती है और उसे वो नहीं मिलता तो वो काफी रोती है।
एनी ही डेजी का ख्याल रखती है। उसने कहा कि बहुत मुश्किल होता है बच्ची जैसे जवान लड़की को संभालना। उसे खिलाने-पिलाने से लेकर उसका हर काम वो खुद ही करती है।
मात्र 15 साल की उम्र में डेजी के सारे दांत टूट गए थे। एनी डेजी की जिंदगी पर किताब लिखकर लोगों को बताना चाहती है कि ऐसे बच्चे को पालना कितना मुश्किल है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, डेजी को रैट सिंड्रोम है। लेकिन इस सिंड्रोम के शिकार शख्स की बॉडी ग्रोथ भी रुक जाती है। पर डेजी के साथ ऐसा नहीं हुआ।
जब डेजी 3 साल की थी, तब एनी को लगा था कि वो ऑटिस्टिक है। लेकिन ऐसा नहीं था। एनी बात नहीं करती है। उसे बोलना भी नहीं आता। हालांकि वो चीजें समझ जाती है।
एनी ने एक बार डॉक्टर से अपनी बेटी का ब्रेन खोल कर उसकी सर्जरी करने की भी रिक्वेस्ट की थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। डेजी की हालत में सुधार की उम्मीद काफी कम है।
बड़ी होने के बाद भी डेजी की हालत बच्चों जैसी है। एनी को बहुत सावधानी से उसका ख्याल रखना पड़ता है। अब वो बस डेजी के लिए जीना चाहती है। हालांकि, उसे डर है कि उसके बाद डेजी का क्या होगा?