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घरवालों के साथ ज्वालामुखी देखने गई थी लड़की, अचानक हुआ जोरदार धमाका, आंखों के सामने गलते देखा सबका शरीर
हटके डेस्क: प्राकृतिक आपदाएं जानलेवा होती हैं। ये इंसानों में भेदभाव नहीं करती। जो भी इनकी चपेट में आता है, उसे जिंदगी भर के लिए नुकसान झेलना पड़ जाता है। कभी खाना बनाते हुए किचन में जब तेल की कुछ बूंदें बॉडी पर छिटक जाती है, तब कितना दर्द होता है? अब जरा ये सोचिये कि अगर किसी की बॉडी पर ज्वालामुखी के लावा की धार गिरे, तब उसपर क्या बीतेगी। पिछले साल 9 दिसंबर को व्हाइट आइलैंड वोल्केनो की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग इस बात से अनजान थे कि ज्वालामुखी धधक रही है और उसमें विस्फोट हो सकता है। इस हादसे में बुरी तरह घायल हुई मेलबॉर्न में रहने वाली 23 साल की स्टेफनी ब्रोविट ने हादसे के 6 महीने बाद घर वापसी की है। उसने लोगों के साथ शेयर किया कि ये हादसा कितना दर्दनाक था। इसमें स्टेफनी से अपने पिता और बहन को खो दिया। अब स्टेफनी ने लोगों को बताया कि जब विस्फोट हुआ तब कैसा मंजर उसने अपनी आँखों से देखा था...
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स्टेफनी उन चंद लोगों में से हैं, जिसने व्हाइट आइलैंड वोल्केनो के धमाके में अपनी जान बचाई। इस विस्फोट में स्टेफनी के पिता और उसकी 21 साल की बहन की मौत हो गई।
हादसे के वक्त स्टेफनी अपनी बहन और पिता के अलावा 47 अन्य पर्यटकों के साथ ज्वालामुखी की जगह पर घूम रही थी। तभी अचानक वहां जोरदार धमाका हुआ।
स्टेफनी ने बताया कि अगले ही पल वहां हड़कंप मच गया था। उसने अपनी आंखों के सामने लोगों की चमड़ी गलती देखी।
जब उसके ऊपर ज्वालामुखी के लावा की बूंदें गिरी, तब उसने अपने हाथ की चमड़ी को गिरते देखा था। इसके बाद वो तुरंत वहां से भागने लगी।
हादसे के बाद स्टेफनी की अंगुलियां काटनी पड़ी। छह महीने तक वो अस्पताल में रही। उनका चेहरा और बॉडी इतनी बुरी तरह जल गया है कि वो उन्हें ढंककर रखती हैं।
इस हादसे के एक्सपीरियंस को लोगों के साथ शेयर करते हुए स्टेफनी ने कहा कि जब ये हादसा हुआ तब उनके हाथों से सारे नाख़ून गिर गए थे। साथ ही हाथ की चमड़ी भी उत्तर गई थी। हर तरह खून और राख नजर आ रहा था।
स्टेफनी को अल्फ्रेड अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां डॉक्टर्स ने दिन रात मेहनत कर उसकी जान बचाई। स्टेफनी के हाथ तो बचा लिए गए लेकिन उसकी अंगुलियां काटनी पड़ी।
इस हादसे में स्टेफनी के पिता और बहन की मौत हो गई। स्टेफनी की बहन तो स्पॉट पर ही मारी गई थी जबकि पिता ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
स्टेफनी अब जाकर अपने घर वापस लौटी है। उसके लेफ्ट हैंड की रिकवरी राइट के मुकाबले तेजी से हो रही है। अपनी हालत पर स्टेफनी का कहना है कि उसे ख़ुशी है कि कमसे कम उसकी जान बची।
उसने अपने आँखों के सामने लोगों की बॉडी को गर्म राख में पिघलते देखा था। अभी स्टेफनी को और भी कई सर्जरीज से गुजरना है। उसने अपने पिता को अपनी जान बचाने का क्रेडिट दिया, जिन्होंने विस्फोट के समय स्टेफनी को सीधे भागने का निर्देश दिया था।