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जापान में बंदूक नहीं, छुरा है सबसे बड़ा हथियार, पुलिस भी पिस्टल नाम के लिए रखती है, जानिए 47 साल पहले की घटना
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पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे(former Prime Minister Shinzo Abe) की दिनदहाड़े हत्या ने एक सारी दुनिया को झकझोर दिया है। हमलावर ने होम मेड हथियार से यह मर्डर किया। पुलिस ने कहा कि 15-इंच (40-सेंटीमीटर) डिवाइस(गन) घर का बना था। पुलिस ने आबे की हत्या के प्रयास के आरोप में 42 वर्षीय यामागामी तेत्सुया(Tetsuya Yamagami)को गिरफ्तार किया है। तेत्सुया ने कुछ समय पहले नौकरी से रिजाइन किया था। इसकी वजह उसने थकान बताई थी।
जापान में गन को लेकर सख्त कानून( Japan ultra-tight gun regulations) है। गन वायोलेंस जापान में कम देखी-सुनी जाती है। अधिकांश जापानी बिना बंदूक के जीवन गुजार देते हैं। कइयों ने तो अपने जीवन में बंदूक देखी तक नहीं होगी। यहां छुरा घोंपकर मर्डर आम है। यहां की प्रमुख यूनिवर्सिटीज में राइफल क्लब हैं और जापानी पुलिस सशस्त्र है, लेकिन बंदूक की ऑनरशिप का अधिकार दशकों से यहां कभी मुद्दा नहीं बना। यहां तक कि पुलिस भी शायद ही कभी अपनी पिस्टल फायरिंग का सहारा लेती है।
पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे(former Prime Minister Shinzo Abe) की दिनदहाड़े हत्या से जापानी लोग सदमे में हैं। टोक्यो में निहोन विश्वविद्यालय में कॉलेज ऑफ रिस्क मैनेजमेंट के प्रोफेसर शिरो कावामोटो ने कहा-यह एक आंखें खोलने वाला संकेत( wake-up call) है कि जापान में गन वायोलेंस भी हो सकती है। जापानी पॉलिटिशियंस की सिक्योरिटी की फिर से जांच की जानी चाहिए। यह मान लेना कि इस तरह का हमला कभी नहीं होगा, एक बड़ी गलती होगी।"
आबे की सिक्योरिटी में हुई चूक की जांच नेशनल पुलिस एजेंसी(NPA) करेगी। आखिर कैसे पुलिस अधिकारी और आबे की सिक्योरिटी में लगे पर्सनल गार्ड्स शूटिंग को रोक नहीं पाए? आबे को इस समय जो सिक्योरिटी दी जा रही थी, उस सिस्टम की शुरुआत 1957 में शुरू हुई थी। राजनेताओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए वर्तमान पुलिस सिक्योरिटी सिस्टम मेट्रोपोलिटन पुलिस डिपार्टमेंट(MPD) द्वारा 1975 में एक घटना के बाद शुरू किया गया था, जब तत्कालीन प्रधान मंत्री ताकेओ मिकी पर एक दक्षिणपंथी समूह मेंबर ने हमला किया गया था।
बता दें कि जापान की आखिरी हाई-प्रोफाइल शूटिंग 2019 में हुई थी, जब एक गैंग के पूर्व सदस्य को टोक्यो में कराओके नामक जगह पर गोली मार दी गई थी। जापानी कानून के तहत एक स्पेशल लाइसेंस के बिना गन रखना अवैध है। इनका इम्पोर्ट भी गैर कानूनी है। कुछ प्रकार के चाकू और क्रॉसबो जैसे कुछ अन्य हथियारों पर भी यही नियम लागू होते हैं। जो लोग गन रखना चाहते हैं, उन्हें कड़ी बैकग्राउंड जांच(stringent background check) की जांच से गुजरना पड़ता है। इसमें डॉक्टर का सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है। इस में फैमिली के बारे में भी बताना पड़ता है। हथियार पास करने और खरीदने वालों को भी उसी समय इसके लिए एक विशेष लॉकिंग सिस्टम खरीदना पड़ता है।
आर्मामेंट रिसर्च सर्विसेज के डायरेक्टर और स्पेशलिस्ट आर्म्स इन्वेस्टिगेशंस फर्म एनआर जेनजेन-जोन्स ने कहा-आबे पर हमले में इस्तेमाल किया गया हथियार शायद "क्राफ्ट मेड फायरआर्म था। उन्होंने इस हथियार की तुलना एक ऐसी बंदूक से की, जिसमें बारूद को गोली से अलग लोड किया जाता है।