- Home
- World News
- Shocking Photos: इस्लामिक कट्टरपंथियों ने लगा दी 'सौहार्द्र' को आग; 1947 के बाद फिर शर्मसार हुआ बांग्लादेश
Shocking Photos: इस्लामिक कट्टरपंथियों ने लगा दी 'सौहार्द्र' को आग; 1947 के बाद फिर शर्मसार हुआ बांग्लादेश
ढाका. बांग्लादेश में दुर्गा उत्सव(Durga Puja) के दौरान शुरू हुई साम्प्रदायिक हिंसा(communal violence) अभी रुकी नहीं है। शुक्रवार को दुर्गा उत्सव के समापन के दौरान भी कई जगह हिंसा हुई। इस्कान मंदिर में भी तोड़फोड़ की खबर है। इस्लामिक कट्टरपंथियों के कारण बांग्लादेश साम्प्रदायिक हिंसा(communal violence) में झुलस रहा है। शनिवार को कई जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है। ये तस्वीरें इॅस्कान बांग्लादेश ने अपने twitter हैंडल पर शेयर की हैं। लिखा है-इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) आचार्य संस्थापक एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभूपाद की मूर्ति आज(शुक्रवार) नोआखली, बांग्लादेश में जलाई गई।
- FB
- TW
- Linkdin
शुक्रवार को नोआखली( Noakhali) स्थित इस्कॉन(ISKCON) मंदिर में उपद्रवियों ने हमला किया। वहां मौजूद हिंदू भक्तों को मारा। इस घटना के फोटो इस्कॉन ने अपने twitter हैंडल से शेयर किए हैं। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेसियों(law enforcement agencies) ने इन घटनाओं को देश को अस्थिर करने के मकसद से एक सुनियोजित हमला बताया।
पूरे दिन होती रहे छिटपुट हमले और तोड़फोड़
बांग्लादेश के इतिहास में 13 अक्टूबर सबसे बदनाम दिवस के तौर पर दर्ज हो गया। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के दौरान चांदपुर जिले में कई हिंदू मंदिरों पर हमला कर दिया था। इस हिंसक झड़प में 5 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में 100 लोगों को अरेस्ट किया है। 22 जिलों में सुरक्षाबल मार्च कर रहे हैं, बावजूद हिंसा रुकी नहीं है। शुक्रवार को तनाव के बीच विजयादशमी पर मां दुर्गा की मूर्तियां का विसर्जन किया गया। (फोटो इस्कॉन मंदिर)
जुमा होने से तनाव और बना रहा
dhakatribune.com के अनुसार, इस बार भी Covid 19 के चलते पारंपरिक विजयादशमी का जुलूस नहीं निकाला गया। लेकिन मूर्ति विसर्जन के दौरान तनाव बना रहा। हिंदुओं ने मुस्लिमों की जुमे की नमाज का सम्मान करते हुए मूर्तियों का विसर्जन दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच किया। इसके बाद भी कई जगह उपद्रवी सक्रिय रहे। (फोटो इस्कॉन मंदिर)
एक और मौत, 18 घायल
नोखली के एडिशनल एसपी शाह इमरान ने बताया कि कुछ लोगों के समूह ने बेगमगंज कॉलेज रोड और डीबी क्षेत्र के पास विरोध में रैली और जुलूस निकाला। यहां उपद्रव के दौरान एक आदमी की मौत हो गई, जबकि 18 लोग घायल हुए। घायलों में बेगमगंज थाना इंचार्ज कमरुज्जमां शिकदार भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने चौमुहानी नगर पालिका क्षेत्र में शनिवार को सुबह से शाम (सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक) धारा 144 (सार्वजनिक समारोहों पर रोक) लगाने का निर्णय लिया है। पुलिस ने कहा कि भीड़ ने चौमुहानी में अपने मार्च के दौरान हिंदू घरों, व्यवसायों और कई मंदिरों पर हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की।
(फोटो क्रेडिट-dhakatribune.com)
ऐसे चलता रहा शुक्रवार को उपद्रव
dhakatribune.com के अनुसार, पुलिस ने सिलहट में स्थानीय लोगों की शहर के हवलदार पारा में दो पंडालों में तोड़फोड़ की कोशिश को नाकाम कर दिया। हमलावरों ने मंडपों और आस-पास के घरों पर ईंटें फेंकी थीं।
शुक्रवार को चटगांव के जमाल खान इलाके में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने एक साथ मार्च किया यहां 150 से अधिक लोगों ने धारदार हथियारों से लैस होकर मार्च निकाला और दोपहर करीब 2:15 बजे कालीबाड़ी मंडप पर हमला करने की कोशिश की। जैसे ही भक्तों ने विरोध किया, भीड़ ने हवलदार पारा की ओर कूच किया और दूसरे पंडाल का गेट तोड़ दिया।
(फोटो इस्कॉन मंदिर)
1947 के बाद पहली बार इतनी बड़ी घटना
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के प्रतिनिधि, गोनोशस्थय केंद्र(Gonoshasthaya Kendra) के संस्थापक डॉ. जफरुल्लाह चौधरी और गणसंहति आंदोलन(Ganasamhati Andolon) के मुख्य समन्वयक जोनायद साकी ने शुक्रवार को कोमिला में क्षतिग्रस्त पूजा स्थलों का दौरा किया। डॉ. जफरुल्ला चौधरी ने कहा कि 1947 के बाद इतनी बड़ी घटना पहले कभी नहीं हुई। सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
(फोटो क्रेडिट-dhakatribune.com)
2500 लोगों के खिलाफ FIR
चांदपुर पुलिस ने शुक्रवार को हाजीगंज में हुई घटनाओं के बाद क्रमश: 2,000 और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। हाजीगंज थाने के ओसी हरुनूर रशीद ने कहा कि अगर ऐसे लोग हैं, जो मामला दर्ज करना चाहते हैं, तो और मामले स्वीकार किए जाएंगे।उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शुक्रवार को अदालत के समक्ष हाजीगंज में एक मंदिर पर हमले के बाद गिरफ्तार किए गए सात लोगों को पेश किया।
(फोटो क्रेडिट-dhakatribune.com)