लीजिए पेश है Taliban सरकार में पहला कबाड़ चीजों का बना म्यूजियम; जानिए ये क्या बला है
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पाकिस्तान जिन हथियारों के बारे में सोचकर पड़ोसियों को परेशान करने और अस्थिर करने की साजिश के सपने बुन रहा था, उसके भी मंसूबों पर पानी फिर गया है।
अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से जाते-जाते वो इन सभी को कबाड़ करके गई, ताकि तालिबान उनका उपयोग नहीं कर सके। हालांकि अमेरिकी सेना के जाने के बाद पहले ही दिन लोग इन चीजों की फोटोग्राफी करने पहुंच गए। हालात ऐसी दिखाई दी, मानों तालिबान ने देश का पहला कबाड़ म्यूजियम स्थापित किया हो।
अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए 31 अगस्त की तारीख तय की थी। लेकिन बाद में अमेरिका इसे बढ़ाना चाहा परंतु तालिबान की चेतावनी के आगे उसे झुकना पड़ा। अमेरिका ने 30 अगस्त की आधी रात अफगानिस्तान से अपना पूरी तरह बोरियां-बिस्तरा समेट लिया। लेकिन जाते-जाते वो उन सभी विमानों और रॉकेट डिफेंस सिस्टम को डैमेज कर गया, जिनका इस्तेमाल हो सकता था।
सैन्य एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिका यहां जिन हथियारों और सैन्य सामग्री का इस्तेमाल कर रहा था, वे यहीं के लिए उपयोगी थे। दूसरी परिस्थितियों के लिए वे बेकार थे।
अमेरिका ने इन सामग्री को इसलिए खराब किया, ताकि तालिबान चाहते हुए भी इनका दुरुपयोग नहीं कर सके। अमेरिका ने 30 अगस्त की आधी रात अफगानिस्तान से अपना पूरी तरह बोरियां-बिस्तरा समेट लिया।
अफगानिस्तान Afghanistan से 20 साल बाद अमेरिकी सेना पूरी तरह से जा चुकी है। 30 अगस्त की देर रात अमेरिकी सेना के अंतिम तीन सी-17 विमानों ने काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी।
अमेरिकी सेना की रवानगी के साथ ही तालिबान लड़ाके एयरपोर्ट के अंदर घुस गए। उन्होंने अमेरिकी सेना द्वारा छोड़ी गईं वर्दी पहन रखी थीं। हथियार भी अमेरिका के ही थे। वे हथियार लहराते हुए अंदर घुसे।
तालिबान के लड़ाकों ने रातभर जश्न मनाया। इस तरह 19 साल,10 महीने और 10 दिन बाद अमेरिका का अफगानिस्तान में सैन्य अभियान समाप्त हो गया।