सार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार के लोगों ने गुंजन सिंह के शव को लेने से भी मना कर दिया। उनका कहना है कि जब तक सरकार हमारी यह मांग नहीं मानती, हम गज्जन सिंह के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। चौकी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि परिजनों के बयान के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
बहादुरगढ़ । हरियाणा में किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है। कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग लेकर यहां के टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले जत्थे में शामिल पंजाब के किसान की रविवार रात मौत हो गई। इसका कारण हार्टअटैक माना जा रहा है, लेकिन एक कारण ठंड भी हो सकता है। वहीं, प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे हैं कि जुलाना में हुई पानी की बौछार के कारण वह 3 दिन से बीमार थे। बता दें कि चार दिन में तीसरे आंदोलनकारी किसान की मौत है, वहीं पिछले 24 घंटे में दूसरी जान चली गई।
पंजाब के थे किसान गज्जन सिंह
किसान गज्जन सिंह बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के पास ही थे। रात को लघुशंका के लिए सड़क से कुछ कदम दूर गए थे, वहीं पर गिर गए। आसपास मौजूद किसानों ने उन्हें संभाला और अचेत अवस्था में शहर के जीवन ज्योति अस्पताल में लेकर गए। अस्पताल में डॉक्टर्स ने किसान को मृत घोषित कर दिया। इस घटना की सूचना के बाद सेक्टर-9 चौकी से पुलिस टीम पहुंची।
परिवार के लोगों ने कही ये बातें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार के लोगों ने गुंजन सिंह के शव को लेने से भी मना कर दिया। उनका कहना है कि जब तक सरकार हमारी यह मांग नहीं मानती, हम गज्जन सिंह के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। चौकी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि परिजनों के बयान के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
जाने कैसे हुई किस किसान की मौत
बताते चले कि अब तक आंदोलनरत 3 किसानों की जान जा चुकी है। दो दिन पहले भिवानी में एक जत्थे में शामिल किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, वहीं शनिवार रात को बहादुरगढ़ में बाईपास पर सर्विस लेन में खड़ी मैकेनिक की गाड़ी में आग लग गई थी। इससे उसके अंदर सो रहे मैकेनिक के सहायक जनकराज की जिंदा जलने से मौत हो गई थी। अब रविवार देर रात पंजाब के किसान गज्जन सिंह की सांसें थम गई।