सार
मां आरती मल्होत्रा का आरोप है कि बेटे को स्कूल में कुछ स्टूडेंट परेशान करते थे। इसकी शिकायत करने पर शिक्षकों ने मुझे भी प्रताड़ित किया। मुझे स्कूल ने खुलेआम धमकी दी थी कि वे मेरे बेटे को अगले साल से स्कूल में नहीं रखेंगे।
फरीदाबाद। ग्रेटर फरीदाबाद में दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) के छात्र के आत्महत्या करने के मामले में मां ने स्कूल प्रबंधन पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं तो दूसरी तरफ आरोपी शिक्षिका ने सफाई दी है। मामला हाइप्रोफाइल होने की वजह से आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। स्टूडेंट की मां आरती मल्होत्रा का आरोप है कि बेटे को स्कूल में कुछ स्टूडेंट परेशान करते थे। इसकी शिकायत करने पर शिक्षकों ने मुझे भी प्रताड़ित किया। मुझे स्कूल ने खुलेआम धमकी दी थी कि वे मेरे बेटे को अगले साल से स्कूल में नहीं रखेंगे।
आरती मल्होत्रा का कहना था कि मैंने संबंधित शिक्षकों को सब कुछ बताया। बेटे को परेशान करने वाले छात्रों के नाम प्रिंसिपल को दिए। अधिकारियों ने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन कुछ भी नहीं किया और स्कूल ने मेरे बेटे को उसके डिसऑर्डर का अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया।
बच्चे के पैरेंशेंट्स ने मेल करके शिकायत की थी
वहीं, DPS की जिस शिक्षिका ममता गुप्ता पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है, वह पहली बार सामने आई हैं। ममता DPS में वरिष्ठ शैक्षणिक समन्वयक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्कूल का एक बहुत ही होनहार बच्चा जो एक बहुत अच्छा आर्टिस्ट था, वो अब हमारे बीच नहीं है। बच्चे के माता-पिता ने बच्चे को परेशान करने को लेकर हमें सिर्फ एक मेल किया था।
शिकायत पर जांच की, लेकिन झूठे निकले
ममता का कहना था कि शिकायत के बाद हमने कार्रवाई की थी, जिसमें कुछ सामने नहीं आया था। जिन बच्चों के नाम माता-पिता ने लिए हैं, उनमें से एक भी बच्चा स्कूल में नहीं था। ऐसे में आरोप साबित नहीं हो पाए थे।
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ये है पूरा मामला
बता दें कि 24 फरवरी को 15 साल के आरवी मल्होत्रा ने तनाव में आकर अपनी सोसायटी की 15वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया था। उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसमें स्कूल में परेशान करने का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि आरवी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाली शिक्षका के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पढ़ें क्या लिखा है सुसाइड नोट में
‘‘प्रिय मम्मा, आप इस संसार की सबसे अच्छी मां हैं। मुझे माफ करना कि मैं बहादुर नहीं बन सका। इस स्कूल ने मुझे मार डाला। खासकर बड़ी अथॉरिटीज ... और ... अन्य। मैं इस नफरत भरी दुनिया में नहीं रह सकता। मैंने जीने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगता है कि जिंदगी को कुछ और चाहिए। लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं, इस पर विश्वास ना करें। आप सबसे अच्छी हो। अगर मैं बच ना सका तो प्लीज खुद को दूसरे काम में लगा लेना। अपनी आर्ट को बंद मत करना। आप फरिश्ता हो। मैं इस जन्म में आपको पाकर धन्य हूं। आपने जो कुछ संभव हुआ वह किया, लेकिन मैं मजबूत नहीं निकला। मैं कमजोर हूं। मुझे खेद है...। उनकी बातों को ना सुनना और ना यकीन करना। You are best, You are amazing..’’