सार

आरोपी तौसीफ के गिरफ्तार  होने के बाद भी उसके दिल में निकिता के लिए नफरत कम नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या करके अपना दो साल पुराना बदला पूरा किया है। 

फरीदाबाद (हरियाणा). बल्लभगढ़ में हुआ निकिता हत्याकांड अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूरे देश में  इसको लेकर गुस्सा है, लोग हरियाणा की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। हंगामें के बीच केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर आज निकिता तोमर के परिजनों से मिलने पहुंचे हैं। वहीं पिता मूलचंद तोमर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 'आज जो घटना हुई है उसमें कुछ गलती हमारी भी है। उन्होंन कहा कि साल 2018 में जब निकिता का अपहरण हुआ था तो हमने तौसीफ के परिवार के कहने पर समझौता कर लिया था। अगर उस दिन हमने जेल से नहीं छुड़ाया होता तो शायद आज हमारी बेटी जिंदा होती''।

तौसीफ के दिन में इतनी नफरत थी पता नहीं था...
पिता ने कहा कि उस दौरान समझौता करने से ही आरोपी में इतनी हिम्मत आ गई। लेकिन क्या करते हमारे बड़े-बुजुर्गों की सलाह पर हमें बदनामी के डर से आरोपी से सुलह करनी पड़ी। हमको इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उस दिन का समझौता ही दो साल बाद बेटी निकिता का मौत का कारण बन जाएगा। उसके दिन में निकिता के लिए इतनी नफरत थी यह तो कभी नहीं सोचा था। नहीं तो हम उसको जेल में ही बंद रहने देते।

मौत के बाद भी नहीं कम हुई नफरत
आरोपी तौसीफ के गिरफ्तार  होने के बाद भी उसके दिल में निकिता के लिए नफरत कम नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या करके अपना दो साल पुराना बदला पूरा किया है। जिसकी वजह से मेरा पूरा करियर खराब हो गया उसे कैसे जिंदा छोड़ देता।

बहन-बेटी सुरक्षित नहीं तो मां दुर्गा पूजन से क्या फायदा
हरियाणा के बेटी निकाता को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। वह धरना देने के अलावा सोशल मीडिया पर प्रशासन और आरोपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कमेंट्स कर रहे हैं। इस हत्याकांड को लेकर हरियाणा के पहलवान बजरंग पुनिया ने भी इमोशन ट्टीट किया है। उन्होंने कहा कि अपराधी किसी भी धर्म का हो वो समाज का दुश्मन ही होता है। निकिता बहन का इंसाफ़  सिर्फ़ उसका हक़ नहीं बल्कि हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है। अगर हमारी बहन-बेटी को हम सुरक्षित ही नहीं रख पाए तो फिर क्या फ़ायदा वैष्णो देवी और दुर्गा माँ के पूजन का?

 

8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।

- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।

- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।

- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।

- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।

- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।

- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।