सार
हरियाणा सरकार ने 7 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी दी गई हैं। शासन के आदेश के बाद जिले के सभी कलेक्टर ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके तहत अब दुकानें ऑड-ईवन आधार पर खुलेंगी।
पानीपत (हरियाणा). कोरोना की दूसरी लहर में पिछले दो महीने से जारी लॉकडाउन के बाद कई राज्य सरकारों ने 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। वहीं कुछ राज्यों ने अभी कोरोना क मामलों को देखते हुए लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है। इसी बीच हरियाणा सरकार ने भी एक और हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा के लिहाज से कुछ छूट देते हुए लॉकडाउन को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जा रहा है।
राज्य सरकार ने बनाया ऑड-ईवन फार्मूला
हरियाणा सरकार ने 7 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी दी गई हैं। शासन के आदेश के बाद जिले के सभी कलेक्टर ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके तहत अब दुकानें ऑड-ईवन आधार पर खुलेंगी। यानि सड़क के एक तरफ की दुकान एक दिन और सड़क की दूसरी ओर की दुकान अगले दिन खुलेंगी।
सुबह 9 से 3 बजे तक खुलेंगी दुकानें
सीएम ने घोषण करते हुए कहा कि अब दुकानें सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुल सकेंगी। यह नियम शराब के ठेकों पर भी लागू रहेगा। इससे पहले दुकान खोलने का समय सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक था। सीएम ने कहा कि राज्य में नाइट कर्फ्यू के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नाइट कर्फ्यू पहले की तरह रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा। वहीं राज्य के सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थान 15 जून तक बंद रहेंगे।
कुछ खास शर्तों के साथ खुलेंगे सभी मॉल
बता दें कि राज्य के मॉल की दुकानें कुछ खास शर्तों के साथ सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। वहीं मॉल के अंदर कितने लोगों की एंट्री मिलेगी यह मॉल पर डिपेंड करेगा। सीएम ने कहा कि जिन्हें अनुमति मिलेगी उन्हें एक सीमित समय तक ही भीतर रहने की इजाजत होगी और अन्य को प्रवेश इस आधार पर मिलेगा कि किसी खास वक्त में मॉल के भीतर कितने लोग हैं।
अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार करेगी
खट्टर सीएम खट्टर ने कहा कि हरियाणा में कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के पालन पोषण के लिए आर्थिक सहायता 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' के माध्यम से दी जाएगी।18 वर्ष से कम उम्र के ऐसे बच्चों, जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता या पिता अथवा माता-पिता, दोनों या कानूनी अभिभावकों को खो दिया है, उनका पुनर्वास और सहायता करना है। इसके तहत गैर-संस्थागत व संस्थागत देखभाल में बच्चों के लिए वित्तीय सहायता, किशोरियों के लिए संस्थागत देखभाल और शिक्षा, विवाह पर बेटियों को सहायता तथा कक्षा 8-12 में बच्चे के लिए टैबलेट प्रदान करने का भी प्रावधान है।