सार
हरियाणा में एक डॉक्टर बहू ने एक ऐसी मिसाल कायम की है। जिसको देखकर हर कोई यही बोलता है कि भगवान ऐसी बहू सबको दे। जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने ससुर की जिंदगी बचा ली।
झज्जर (हरियाणा). अक्सर हमने सास-ससुर की जबान से बहू की बुराई ही सुनी होगी। लेकिन हरियाणा में एक महिला ने एक ऐसी मिसाल कायम की है। जिसको देखकर हर कोई यही बोला रहा है कि भगवान ऐसी बहू सबको दे। जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने ससुर की जिंदगी बचा ली।
बहू ने जो किया उसकी सब करते हैं तारीफ
दरअसल, हम जिस बहू की बात कर रहे हैं, वह है हरियाणा झज्जर की रहने वाली पूनम माथुर, जो पेशे से बीएमएस डॉक्टर हैं। पूनम ने अपने लिवर का बड़ा हिस्सा ससुर रामगोपाल के लिए डोनेट करके उनकी जान बचाई है। उनके इस कदम की तारीफ करता है।
जो सास, पति देवर नहीं कर सके वो बहू ने कर दिया...
एक मीडिया साइट से बात करते हुए पूनम ने कहा कि करीब 10 साल पहले उनके ससुर लिवर पूरी तरह से खराब हो गया था। डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि अब रामगोपाल ज्यादा नहीं जी सकते हैं, उनकी जिंदगी के सिर्फ 5 साल ही हैं। वो आए दिन बीमार रहने लगे। पूरा परिवार उनको देखकर आंसू बहाने लगा था। कोई खुश नहीं था हर कोई गम में था। फिर मेरी सास ने अपना लीवर ससुर को देने का फैसला किया। लेकिन उनका जब टेस्ट हुआ तो उसको लेने से डॉक्टरों ने इंकार कर दिया। इसके बाद पति और देवर की बीमारी के चलते अपना लिवर नहीं दे सके। फिर क्या था मैंने सोचा कि क्यों ना में अपना अंगदान करके ससुर की जान बचा लूं। इसके बाद मैंने अपने लिवर का टेस्ट करवाया तो वह एकदम सही निकला और मैच हो गया।
अपनी जान की बाजी लगाकर बचा ली ससुर की जिंदगी
डॉक्टरों ने मेरे माता-पिता से कहा कि आपकी बेटी अपना लिवर ससुर को डोनेट कर रही है। यह ऑपरेशन बहुत ही कठिन है, इसमें उसकी जान भी जा सकती है। पूनम के पिता ने कहा-अगर मेरी बेटी के शरीर से दमाद के पिता की जान बच सकती है तो इससे अच्छा और क्या होगा। हमको इसमें कोई परेशानी नहीं है, आपको जो सही लगे वह करिए। इसके बाद साल 2014 में लिवर ट्रांसप्लांट कर दिया। आज हमारा परिवार बहुत खुश है, सब लोग मुझे अपनी बेटी की तरह मानते हैं।