सार
दुनिया भर में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। करीब 200 देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के 12 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और इससे 64 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत में कोरोना वायरस के कुल 3501 मामले सामने आ चुके हैं और 91 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
हेल्थ डेस्क। दुनिया भर में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। करीब 200 देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के 12 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और इससे 64 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत में कोरोना वायरस के कुल 3501 मामले सामने आ चुके हैं और 91 लोगों की इससे मौत हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, कोरोना के वायरस का संक्रमण होने और इसके लक्षण सामने आने में 14 दिन का समय लग सकता है। कई बार लक्षणों के सामने आने में और भी ज्यादा समय लग जाता है।
शुरुआती लक्षणों से कोरोना का पता नहीं चलता
कोरोना के शुरुआती लक्षणों में सर्दी-जुकाम, बुखार और सूखी खांसी होती है। इसलिए लोग आसानी से भ्रम के शिकार हो सकते हैं। ऐसी शिकायतें इस मौसम में आम तौर पर लोगों को होती है। इसलिए वे इसे मामूली दिक्कत समझ कर घरेलू उपाय या इसके लिए जो दवाइयां प्रचलित हैं, उन्हें लेते हैं। कोरोना के संक्रमण का पता बिना जांच के नहीं चल सकता। जिन लोगों में सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण उभरते हैं, सभी कोरोना की जांच नहीं करवा पाते। इसलिए अगर उन्हें कोरोना का संक्रमण होता है, तो उनसे यह दूसरे लोगों में तेजी से फैलने लगता है। इसलिए कोरोना की जांच कराना बहुत ही जरूरी है।
कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण
किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर उसके फेफड़ों पर असर होता है। संक्रमण होने पर बुखार और सूखी खांसी होती है। फिर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। संक्रमण गंभीर होने पर फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं और शरीर के दूसरे महत्वपूर्ण अंगों को भी खतरा हो सकता है। इससे सेप्टिक शॉक हो सकता है और ऑर्गन फेल्यर के कारण मौत भी हो सकती है। कोरोना वायरस का घातक असर उन लोगों पर ज्यादा हो सकता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो।
क्या कहना है WHO का
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से संक्रमित 56,000 लोगों के बारे में जानकारी जुटा कर एक अध्ययन किया। इसमें कहा गया है कि 6 प्रतिशत लोग इस वायरस के संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार हुए और उनमें फेफड़े से जुड़ी गंभीर समस्या, सेप्टिक शॉक और ऑर्गन फेल्यर के मामले सामने आए। ऐसा होने पर जान बचने की गुंजाइश नहीं के बराबर रह जाती है। वहीं, 14 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण सामने आए। इन लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ तेज सांस चलने की समस्या पैदा हुई। कोरोना से संक्रमित 80 प्रतिशत लोगों में मामूली लक्षण पाए गए। ये बुखार और खांसी जैसी समस्या से पीड़ित हुए और कुछ लोगों को निमोनिया जैसी समस्या हुई।