सार
प्रेग्नेंसी के लिए दो चीजों की जरूरत पड़ती है। पहला मेल स्पर्म और फीमेल एग। इनके मिलने से बच्चा पैदा होता है। प्राकृतिक तरीका शारीरिक संबंध होता है। लेकिन कुछ और तरीके हैं जिसके जरिए मेल और फीमेल स्पर्म का मिलन हो सकता है। तो आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में।
हेल्थ डेस्क. हर महिला की ख्वाहिश होती है कि उसके गोद में किलकारी गूंजे। कुछ महिलाओं की ये ख्वाहिश शारीरिक वजहों से नहीं पूरा हो पाता है तो कुछ को मर्दों के साथ रिश्ता बनाना नहीं पसंद होता है। लेकिन दोनों ही स्थिति में महिलाएं मां बन सकती हैं। जी हां, बिना सेक्स और शारीरिक दिक्कत के भी उनकी गोद में नन्हा मु्न्ना खेल सकता है। तो चलिए जानते हैं गर्भवती होने के विकल्पों के बारे में।
गर्भवती होने के लिए स्पर्म का फर्टिलाइज स्पॉट पर जमा किया जाना चाहिए, जहां उसे एग से मिलने की जरूरत होती है। गर्भावस्था तब शुरू होती है जब एक फर्टिलाइज्ड एग गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित हो जाता है, जिसके बाद यह एक भ्रूण बढ़ता है। परंपरागत रूप से सेक्स को गर्भधारण करने के सबसे प्राकृतिक तरीके के रूप में देखा गया है। लेकिन कई ऐसे ऑप्शन हैं जो अब उन लोगों के लिए मौजूद हैं जो यौन संबंध बनाने से गर्भवती नहीं हो सकते हैं या जो बनाना नहीं चाहते हैं।
अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI)
अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI) एक प्रकार का कृत्रिम गर्भाधान है जिसका उपयोग अक्सर बांझपन के इलाज के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, स्पर्म को एक छोटे कैथेटर का उपयोग करके सीधे गर्भाशय में पहुंचाया जाता है। कई हेल्दी स्पर्म को एग के सामने रखा जाता है। जिससे फर्टिलाइज की संभावना बढ़ जाती है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
इस प्रोसीजर में मेच्योर एग को फीमेल के ओवरी से निकालते हैं। फिर लैबोरटरी में पुरुष के स्पेर्म्स के साथ मिक्स करते हैं। इसके बाद वो एक या एक से अधिक एम्ब्रियो यानि फर्टिलाइजेड एग को सीधे महिला के यूटेरस में डालते हैं। इसके बाद देखा जाता है कि इंजेक्ट किये गए सारे एग्स में से कोई एक यूटेरस की लाइनिंग से अटैच हो सके। आईवीएफ के कई स्टेप्स की प्रोसेस है। इसे पूरा होने में कई महीने लग सकते हैं। कई बार यह पहली बार में ही सफल हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों को कई बार कोशिश करनी पड़ती है।
टर्की बस्टर मेथड
टर्की बस्टर मेथड को इंट्रासर्वाइकल इनसेमिनेशन (ICI) के रूप में भी जाना जाता है। यह घरेलू गर्भाधान की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में गर्भाशय ग्रीवा के पास स्पर्म को इंजेक्ट किया जाया है। स्पर्म को इंजेक्ट करने के लिए सुई रहित सिरिंज का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए साफ और सूखे कप में स्पर्म को लिया जाता है। फिर साफ सिरिंज में इसे लिया जाता है और महिला के गर्भाशय ग्रीवा में डाल इजेक्ट कर दिया जाता है। घर पर होने वाले प्रक्रिया को ठीक से करना चाहिए नहीं तो कई जोखिम की आशंका बनी रहती है।
सरोगेसी
सरोगेसी के जरिए भी महिला मां बन सकती है। लेकिन बच्चा उसके कोख में नहीं बल्कि किसी और के कोख में पलता है। इसमें मां बनने वाली महिला का एग और पिता का स्पर्म लिया जाता है। फिर इसे फर्टिलाइज करके सरोगेट मदर के गर्भाशय में इंप्लांट किया जाता है। आजकल कई सेलेब्स इस मेथड के जरिए मां बन रही हैं।
स्पलैश प्रेग्नेंसी
स्पलैश प्रेग्नेंसी वह होती है जब स्पर्म योनी के आसपास के बाहरी हिस्से में अचानक पहुंच जाता है। स्पर्म रास्ता बनाते हुए एग तक पहुंच जाता है। जिससे बिना सेक्स किए महिला कंसीव कर जाती है। इसे वर्जिन प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है।
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