सार

झारखंड के पर्यटन को प्रतिभाशाली और मेहनतकश ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। झारखंड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है। नई नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की शृंखला भी शामिल है।

रांची. कोरोना काल के बाद राज्य में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार कल 23 जुलाई को दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति की शुरूआत करेगी। इसमें वीकेंड गेटवे के साथ धार्मिक, इको, एडवेंचर, वेलनेस, रूरल और माइनिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने पर सरकार का ध्यान केंद्रित होगा। पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखंड सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) कार्यक्रम की मेजबानी करेगा। झारखंड के पर्यटन को प्रतिभाशाली और मेहनतकश ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे।

प्रकृति सुदंरता और संस्कृति से समृद्ध है झारखंड
झारखंड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है। इसलिए राज्य में पर्यटन के विकास के लिए स्पष्ट निति होने से फायदा होगा। यह नई नीति पर्यटन और अर्थव्यवस्था को गति देते हुए पर्यटकों का प्रकृति के साथ अद्भुत और अविस्मरणीय मिलन का माध्यम भी साबित होगी। जंगल, हरियाली से सजे पहाड़, मंत्रमुग्ध करने वाले झरने, अक्षुण्ण परंपरा और संस्कृति से लेकर सुंदर और शांत पर्यटन स्थलों की बदौलत झारखंड पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है। 

पारसनाथ, इटखोरी को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करेगी सरकार
नीति के तहत सरकार का ध्यान पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने पर है। लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट जैसे इको-सर्किट का विकास कर राज्य में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को तलाशा जाएगा। विभिन्न मेलों, त्योहारों, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को रूबरू कराने का अवसर देने का प्रयास नीति के माध्यम से किया जाएगा।

पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स को भी मिलेगा बढ़ावा
नई नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की शृंखला भी शामिल है। बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे होने के कारण झारखंड को भौगोलिक लाभ भी प्राप्त होगा और इस तरह वीकेंड गेटवे की तलाश करने वालों के लिए झारखंड एक आदर्श स्थल के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है।

निवेशकों को दी जाएगी सब्सिडी, पर्यटकों के लिए  24 घंटे की हेल्पलाइन बनेगी
नई पर्यटन नीति निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस, प्रोत्साहन और सब्सिडी के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली के साथ पूरी प्रक्रिया परेशानी मुक्त हो जाएगी। विदेशी कॉर्पोरेट निकायों (ओसीबी) और एनआरआई के व्यवहार्य द्वारा विदेशी निवेश और तकनीकी सहयोग करने की प्रक्रियाओं को भी अपनाया गया है। नई पर्यटन इकाइयों को सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें पूंजी निवेश में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्यटक सुरक्षा बल, 24 घंटे की पर्यटक हेल्पलाइन और केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना सुनिश्चित कर रही है।

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