सार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल चुनाव आयोग ने सीएम की विधानसभा सदस्यता को लेकर राज्ययपाल को पत्र दिया है। सीएम पर खनन पट्टा हासिल करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है।
रांची. झारखंड में नई सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने पीछले ढाई साल के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार के सभी सदस्यों पर गई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने ढाई साल में ऐसा सियासी चक्रव्यूह रचा कि हेमंत सोरेन परिवार का कोई भी व्यक्ति बेदाग नहीं बचा है। हर कोई आरोपों का सामना कर रहा है। हेमंत सोरेन बसंत सोरेन शिबू सोरेन व कल्पना सोरेन पर तरह तरह के आरोप हैं। इन ढाई साल में भारतीय जनतपा पार्टी ने एक-एक कर के मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों पर आरोप लगाए। सभी को अदालत से लेकर चुनाव आयोग तक पहुंचा दिया।
पहले सीएम, उसके बाद उनकी पत्नी, फिर भाई को कटघरे में खड़ा किया, झामुामे सुप्रीमो को भी नहीं छोड़ा
सरकार बनने के बाद सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पर हर आरोप लगाया। बीजेपी ने सीएम पर अपने नाम से खनन लीज आवंटित करने करने का आरोप लगाया। उसके बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के नाम से अद्योग विभाग की जमीन आवंटित होने का खुलासा किया। इसके बाद विधायक बसंत सोरेन के बारे में खुलासा कर दिया कि उन्होंने चुनावी शपथ पत्र में जानकारी छिपाई है। इसके बाद भाजपा ने शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में शिकायत कर रखी है। यानी सोरेन परिवार पूरी तरह से विवादों में घिरा हुआ है। भाजपा ने एक तरह से ऐसा माहौल बना दिया है कि सोरेन परिवार का कोई बेदाग नहीं बचे।
हेमंत के बाद बसंत सोरेन पर आ सकता फैसला
शिबू सोरेन के दूसरे पुत्र बसंत सोरेन के साथ एक दिक्कत यह है कि उनकी विधानसभा सदस्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है। उनके खिलाफ भी चुनाव आयोग में सुनवाई चल रही है। उनपर भी चुनावी शपथपत्र में जानकारी छिपाने का आरोप है। खुद भाजपा ने ही इस मामले को चुनाव आयोग तक पहुंचाया है। बसंत सोरेन के मामले में भी किसी भी क्षण चुनाव आयोग का फैसला आ सकता है। ऐसी उम्मीद है कि हेमंत सोरेन के बारे में फैसला सुनाए जाने के बाद बसंत सोरेन के मामले में फैसला सुनाया जा सकता है। बसंत सोरेन के पास भी इस समय मुख्यमंत्री बनने का विकल्प नहीं बचा है।