सार
मंगल और शुक्र ग्रह सौर मंडल के प्रमुख ग्रह हैं। ज्योतिष में भी इनका विशेष महत्व बताया गया है। फरवरी के अंतिम दिनों में ये दोनों ग्रह 24 घंटे के अंदर ग्रह परिवर्तन करेंगे। एक के बाद एक इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर देश-दुनिया के साथ-साथ सभी राशि के लोगों पर दिखाई देगा।
उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, मंगल 26 फरवरी को दोपहर 3.49 बजे धनु से मकर में प्रवेश करेगा, वहीं एक दिन बाद 27 फरवरी को शुक्र सायं 6.15 बजे धनु से मकर में प्रवेश करेगा। दोनों ही ग्रहों का धनु से मकर में जाना लोगों के जीवन पर अनेक प्रकार के प्रभाव डालेगा। शुक्र 30 मार्च तक और मंगल 7 अप्रैल तक इसी राशि में रहेगा।
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मंगल के परिवर्तन का प्रभाव
मंगल को साहस, शौर्य, बल, पराक्रम, भूमि-संपत्ति, सौभाग्य, भाग्य, कृषि कार्य आदि का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। मंगल का शनि की राशि मकर में जाना लोगों के जीवन में कई प्रकार के बदलाव लाएगा। मकर राशि में पूर्व से शनि और बुध भी हैं इसलिए यहां चतुर्ग्रही योग बन जाएगा। शनि की राशि में मंगल का गोचर संपत्ति और कृषि कार्यो में ठहराव ला सकता है। अच्छी बात यह होगी कि लोगों को भाग्य का बल मिलेगा। मकर के मंगल का प्रभाव इस प्रकार बताया गया है-
मकरे च स्थिते भौमे घृततैल महर्घता।
सुभिक्षं सर्वधान्यानां लोकानां दुख पीडनम् ।।
अर्थात्- मंगल के मकर में प्रवेश करने से घी, तैल, तिलहन, गुड़, शकर, तांबा, पीतल, स्टील, लोहा, अलसी, मशीनरी व शेयर बाजार में तेजी आएगी। प्रजा रोगादि से पीड़ित होगी, धान्योत्पादन अच्छा होगा।
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शुक्र के परिवर्तन का प्रभाव
शुक्र भौतिक सुख-सुविधाएं, विलासिता, ऐश्वर्यपूर्ण जीवनशैली, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण आदि का प्रतिनिधि ग्रह है। शुक्र का शनि की राशि में प्रवेश करना लोगों की जीवनशैली में बड़ा परिवर्तन लाएगा। संपत्ति, सुखों की चाह में लोग पागल होंगे। अपनी सुख-सुविधाएं बढ़ाने के लिए अत्याचार करने से भी परहेज नहीं करेंगे। आकर्षण प्रभाव बढ़ेगा। नए प्रेम संबंध प्राप्त होंगे। मकर में शुक्र के आने से कहीं-कहीं प्राकृतिक प्रकोप से खड़ी फसल को हानि हो सकती है।
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शुक्र-मंगल का संयुक्त प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र और मंगल की युति जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में हो तो वह प्रेम के मामले में अव्वल होता है। उसके जीवन में अनेक प्रेमी-प्रेमिकाएं होते हैं। विवाहित होते हुए भी ऐसा व्यक्ति विवाहेत्तर संबंध बनाता है। कई बार ऐसे मामलों में व्यक्ति को अपमान और अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है।
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