सार

Dhanu Sankranti 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस बार सूर्य 16 दिसंबर, शुक्रवार को वृश्चिक से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा, इसलिए इसे धनु संक्रांति कहा जाएगा। 
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय अवधि के बाद राशि बदलता है। सूर्य के राशि परिवर्तन का समय 30 दिन है यानी सूर्य अधिकतम एक राशि में 30 दिन तक रहता है और इसके बाद राशि क्रम में आगे बढ़ता है। इस बार सूर्य 16 दिसंबर, शुक्रवार को वृश्चिक से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा। इसे धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti 2022) कहा जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्य जब राशि बदलता है तो इसे पर्व यानी त्योहार कहा जाता है। इस दिन विशेष पूजा, उपाय आदि करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आगे जानिए 16 दिसंबर को धनु संक्रांति पर आप कौन-कौन ये उपाय कर सकते हैं…

धनु संक्रांति पर बनेंगे ये शुभ योग
पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर, शुक्रवार को सूर्य सुबह लगभग 10 बजे वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा। सूर्य के राशि बदलते ही पुण्य काल आरंभ हो जाएगा जो सूर्यास्त तक रहेगा। इस दिन प्रीति, आयुष्मान, सिद्धि और शुभ नाम के 2 योग दिन भर रहेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। चंद्रमा इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा, जिसके स्वामी सूर्य देव हैं। साथ ही अष्टमी तिथि रहेगी। जिसके स्वामी शिव हैं। 

इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा और अर्घ्य (Dhanu Sankranti Puja Vidhi)
- धनु संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। उस जल में थोड़े लाल फूल और कुमकुम भी डाल लें। जल चढ़ाते समय ऊं भास्कराय नम: मंत्र का जाप करते रहें।
- इसके बाद किसी उचित स्थान सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। सूर्यदेव को माला अर्पित करें। कुमकुम से तिलक लगाएं और व अन्य चीजें जैसे अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें भी अर्पित करते रहें।
- उसी स्थान पर अपना आसन लगाकर लाल चंदन की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र का जाप करें-
- ऊं सूर्याय नम: 
- ऊं घृणि सूर्याय नम:
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा 

ये उपाय भी करें… (Dhanu Sankranti 2022 Upay)
1.
धनु संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को पका हुआ भोजन, कच्चा अनाज जैसे- चावल, दान, गेहूं आदि का दान करें। इसके अलावा गर्म कपड़े, कंबल, तांबे के बर्तनों का दान भी कर सकते हैं।
2. धनु संक्रांति पर गाय को हरा चारा खिलाएं। मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटा डालें।
3. धनु संक्रांति पर व्रत रखें और शाम को एक समय बिना नमक का भोजन करें। इससे भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
4. पीपल और तुलसी की पूजा करें। इन दोनों को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना गया है। दोनों पर जल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
5. संक्रांति पर्व पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी श्राद्ध, तर्पण आदि करने का भी विधान है।


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