सार
इस बार 4 नवंबर, गुरुवार को दीपावली (Diwali 2021) मनाई जाएगी। ये धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन है। दीपावली की शाम को लक्ष्मी पूजा की जाती है इस कामना के साथ कि हमारे जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे और देवी लक्ष्मी हमारे ऊपर सदैव कृपा बनाए रखें।
उज्जैन. मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि आती है। दीपावली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। ज्योतिषिय दृष्टिकोण से भी ये दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार दीपावली (Diwali 2021) पर यदि कुछ विशेष चीजों का भोग देवी लक्ष्मी को लगाया जाए तो देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। इन चीजों का विशेष महत्व है। आगे जानिए दीपावली पर देवी लक्ष्मी को किन चीजों का भोग लगाएं…
चावल की खीर
चावल और दूध दोनों से शुक्र ग्रह से संबंधित हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह के कारण ही हमें भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं। दूध गाय को हो तो और भी शुभ रहता है क्योंकि गाय के पिछले भाग में स्वयं मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से शुक्र ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं व धन, वैभव मिलते हैं।
मखाना (ड्राय फ्रूट)
मखाना एक सफेद रंग का खाद्य पदार्थ होता है। इसकी खेती पानी में होती है और देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति भी पानी से हुई है यानी समुद्र मंथन से ही देवी लक्ष्मी प्रकट हुई हैं। सफेद शुक्र का रंग है। ये सभी चीजें मखाना को और भी खास बनाती हैं। मान्यता है कि माता लक्ष्मी को मखाने का भोग लगाने से वे अति प्रसन्न होती हैं।
सिंघाड़ा
सिंघाड़ा एक तरह का मौसमी फल है। जो दीपावाली के आस-पास ही सबसे ज्यादा बाजार में दिखाई देता है। इसकी खेती भी तालाब के पानी में की जाती है। जल से उत्पन्न होने के कारण ही यह माता लक्ष्मी को बहुत प्रसन्न है। सिंघाड़ा स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है। मौसमी फल होने के कारण इसका भोग देवी लक्ष्मी को जरूर लगाना चाहिए।
श्रीफल यानी नारियल
नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले नारियल चढ़ाने और फोड़ने की परंपरा सदियों पुरानी है। श्री का एक अर्थ लक्ष्मी भी है। इसलिए नारियल को देवी लक्ष्मी का फल भी कहा जाता है। महालक्ष्मी को नारियल चढ़ाने से कई प्रकार के संकट अपने आप ही दूर हो जाते हैं।
गुड़ या बताशा
गुड़ और बताशा शक्कर से बनतें हैं और शक्कर गन्ने के रस से। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गन्ने का रस चंद्रमा से संबंधित है और चंद्रमा को लक्ष्मी का भाई माना गया है। इसलिए लक्ष्मी पूजा में बताशे का उपयोग किया जाता है। गन्ना देवी लक्ष्मी के वाहन हाथी का मुख्य भोजन भी है। इसलिए गुड़ या बताशा में कोई भी एक चीज देवी को जरूर चढ़ाना चाहिए।
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