सार

6 अप्रैल, मंगलवार को गुरु ग्रह मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। साल 2021 में गुरु का ये पहला राशि परिवर्तन होगा। अभी तक देवताओं के गुरु यानी बृहस्पति अपनी नीच राशि में शनि के साथ थे। अब शनि की ही राशि कुंभ में आ जाएंगे।

उज्जैन. गुरु कुंभ में 13 सितंबर तक रहेंगे। इसी बीच ये ग्रह 20 जून को वक्री यानी टेढ़ी चाल से चलेगा। फिर ऐसे ही चलते हुए 14 सितंबर को वापस मकर राशि में आ जाएगा। इसके बाद 18 अक्टूबर को सीधी चाल से चलेगा और 20 नवंबर को फिर कुंभ राशि में आ जाएगा।

गुरु के राशि बदलने से होंगे ये परिवर्तन
- चैत्र महीने में गुरु के राशि बदलने पर लोगों में कुशलता और राजाओं में कोमलता बढ़ेगी। यानी गुरु ग्रह के कारण देश के बड़े मंत्रियों या प्रशासनिक अधिकारियों का व्यवहार अच्छा रहेगा।
- इस ग्रह के कारण फसलें अच्छी रहेंगी। बृहस्पति के राशि बदलने से लोगों में बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ेगी।
- शेयर बाजार में भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा। शनि की राशि में गुरु के आ जाने से अच्छे लोगों की परेशानी भी बढ़ सकती है।
- देश के पूर्वी राज्यों में उपद्रव होने की आशंका है। शिक्षा के क्षेत्र में अनियमितता रहेगी।
- प्रशासन और मंत्रियों के तालमेल में कमी आ सकती है। धार्मिक गतिविधियां नहीं हो पाएगी। राजनीति में उथल-पुथल बनी रहेगी।
- षडयंत्र भी ज्यादा बनेंगे। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उत्साह नहीं रहेगा। व्यापारियों के लिए चिंता का समय रहेगा।
- धार्मिक विवाद होने की आशंका मांगलिक कामों में भी निराशा का समय रहेगा।

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