सार
इस बार हिंदू संवत्सर 2078 का आरंभ 13 अप्रैल, मंगलवार से होगा। नए संवत्सर का नाम आनंद रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस संवत्सर का राजा और मंत्री मंगल रहेगा।
उज्जैन. मंत्री और राजा का पद एक ही ग्रह के पास होने से सत्ताधीशों के विचारों में समरसता बनी रहेगी। इस वर्ष 5 विभाग शुभ और 5 विभाग क्रूर ग्रहों को मिले हैं। आगे जानिए नव संवत्सर 2078 में कैसा रहेगा ग्रहों का प्रभाव…
1. राहु-केतु, शनि और गुरु के योग से देश में संकट और संघर्ष का समय रहेगा। प्राकृतिक आपदाओं से जन-धन हानि के योग बन रहे हैं।
2. वर्ष का राजा मंगल के होने से पूरी दुनिया में उपद्रव और विरोध की स्थिति बन सकती है। मकर राशि का शनि होने से रोजगार में कमी हो सकती है।
3. इस साल भी विश्व का अर्थतंत्र कमजोर रह सकता है। दुर्घटनाएं, प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप और युद्ध की स्थिति बन सकती है। भूजल में तेजी से कमी आएगी।
4. 5 अप्रैल में गुरु के कुंभ राशि में आने से सोना-चांदी में तेजी आ सकती है। 21 जनवरी 2020 से शनि के श्रवण नक्षत्र में जाने से अनाज में तेजी देखने को मिलेगी।
5. देश की सीमाओं पर आतंकवादी गतिविधियां बढ़ सकती है। कोई बड़ी घटना भी इस दौरान हो सकती है।
6. साल के मध्य में कोरोना महामारी के थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन जब तक शनि मकर राशि में है, तब तक पूरी तरह से यह परेशानी खत्म नहीं हो पाएगी।
7. वर्ष और जगल्लग्न कुंडली में कालसर्प योग बन रहा है, जगल्लग्न कुंडली में लग्नेश गुरु व्यय भाव में शुभ नहीं है।
8. ग्रहों के योग के चलते कोई बड़ी रेल या वायु दुर्घटना भी इस साल हो सकती है।
9. स्वतंत्र भारत की कुंडली में चंद्रमा की दशा चल रही है, जिसके कारण देश में कई तरह की परेशानियां आ सकती है।
10. वृषभ राशि में मंगल और राहु दोनों ही मौजूद रहेंगे. राजा, मंत्री और वर्षा इन तीनों का अधिकार मंगल के पास है। 2078 का संवत वर्ष कहता है कि इस साल बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है, बरसात थोड़ी कम होगी।