सार
इस बार 9 मार्च, सोमवार को फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन होगा और 10 मार्च, मंगलवार को होली खेली जाएगी।
उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार सोमवार को होलिका दहन शुभ है। होली पर इस बार गुरु और शनि अपनी राशि में होंगे। 499 साल के बाद ऐसा विशेष योग बन रहा है।
1521 में बना था ऐसा योग
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 9 मार्च को गुरु अपनी धनु राशि में और शनि भी अपनी ही राशि मकर में रहेगा।
- इससे पहले होली पर इन दोनों ग्रहों का ऐसा योग 3 मार्च 1521 को बना था, तब भी ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में ही थे।
- होली पर शुक्र मेष राशि में, मंगल और केतु धनु राशि में, राहु मिथुन में, सूर्य और बुध कुंभ राशि में, चंद्र सिंह में रहेगा।
- ग्रहों के इन योगों में होली आने से ये शुभ फल देने वाली रहेगी। इस प्रकार का यह योग देश में शांति स्थापित करवाने में सफल होगा।
- व्यापार के लिए हितकारी रहेगा और लोगों में टकराव समाप्त होगा। हर साल जब सूर्य कुंभ राशि में और चंद्र सिंह राशि में होता है, तब होली मनाई जाती है।
3 मार्च से शुरू होगा होलाष्टक
- होली से पहले मंगलवार, 3 मार्च से होलाष्टक शुरू होगा। हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तक होलाष्टक रहता है।
- होलाष्टक में सभी तरह के शुभ कर्म वर्जित रहते हैं। इन दिनों में पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।