सार

स्त्रियों की कुंडली में कमजोर या अशुभ चंद्रमा, लग्न भाव, लग्नेश और लग्न के कारक ग्रह के अशुभ होने से कई बीमारियों के योग बनते हैं।

उज्जैन. स्त्रियों की कुंडली में कमजोर या अशुभ चंद्रमा, लग्न भाव, लग्नेश और लग्न के कारक ग्रह के अशुभ होने से कई बीमारियों के योग बनते हैं। महिलाओं में गर्भपात, हिस्टिरिया, तनाव, शारीरिक कमजोरी, ल्यूकोरिया आदि रोग ग्रहों के अशुभ होने से होते हैं। यहां जानिए किन योगों के कारण ये बीमारियां होती हैं...

1. यदि चंद्रमा क्रूर और पाप ग्रहों जैसे शनि, मंगल, राहु या केतु से पीड़ित हो रहा हो तो स्त्री को पीरियड्स संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

2. यदि चंद्रमा पर पाप एवं क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो, मंगल और शनि की युति हो या एक-दूसरे पर दृष्टि हो, षष्ठम भाव कमजोर हो तो स्त्रियों को ये बीमारियां हो सकती हैं।

3. चंद्रमा स्त्री का प्रतिनिधि ग्रह है। यदि चंद्रमा पाप ग्रह के प्रभाव में हो या बलहीन हो या द्वादश, अष्टम अथवा छठे भाव में हो तो स्त्री पर नकारात्मकता हावी रहती है।