सार

श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। श्राद्ध में कौओं को भोजन कराने की परंपरा भी काफी पुरानी है। ऐसी मान्यता है कि हमारे पितृ कौओं के रूप आकर भोजन ग्रहण करते हैं और तृप्त होते हैं।

उज्जैन. ऐसी मान्यता है कि हमारे पितृ कौओं के रूप आकर भोजन ग्रहण करते हैं और तृप्त होते हैं। कौओं से जुड़ी और भी मान्यताएं व शकुन-अपशकुन हमारे समाज में प्रचलित हैं। शकुन शास्त्र में भी इसकी जानकारी है। आज हम आपको उन्हीं मान्यताओं व शकुन-अपशकुन के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…

1. यदि बहुत से कौए किसी नगर या गांव में इकट्ठा होकर शोर करें तो वहां कोई बड़ी विपत्ती आ सकती है। किसी के घर पर कौओं का झुंड आकर चिल्लाए तो उस घर के मालिक पर कोई संकट आ सकता है।

2. किसी के ऊपर कौआ आकर बैठ जाए तो उसे धन व सम्मान की हानि हो सकती है।

3. यदि किसी महिला के सिर पर अचानक कौआ आकर बैठ जाए तो उसके पति को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।

4. यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति के सामने अचानक कौआ आकर कांव-कांव करे और चला जाए तो वह काम पूरा होने की सूचना देता है।

5. अगर कौआ पानी से भरे घड़े पर बैठाई दे तो धन-धान्य की वृद्धि होने के योग बन सकते हैं।

6. कौआ मुंह में रोटी या मांस आदि का टुकड़ा लाता दिखाई दे तो मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

7. उड़ता हुआ कौआ किसी के सिर पर बीट कर दे तो उस व्यक्ति को रोग या अन्य किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।

8. उड़ता हुआ कौआ किसी के सिर पर हड्डी का टुकड़ा गिरा दे तो उस व्यक्ति पर भारी संकट आ सकता है।

9. पेड़ पर बैठा कौआ यदि शांत स्वर में बोलता है तो स्त्री से संबंधित सुख मिलने के योग बन सकते हैं।

10. यदि कौआ पंख फड़फड़ता हुआ उग्र स्वर में बोलता है तो यह अशुभ संकेत है।