सार

11 अगस्त को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथि का योग बन रहा है। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। गुरुवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य और उसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से ध्वज नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। 
 

उज्जैन. नक्षत्रों के आधार पर ज्योतिषी पंचांग का निर्माण करते हैं। पंचांग को सरल शब्दों में हिंदू कैलेंडर कहा जा सकता है। अंग्रेजी कैलेंडर में सिर्फ डेट बताई जाती है, जबकि पंचांग में तारीख के साथ-साथ तिथि, नक्षत्र आदि के बारे में पूरी विस्तारपूर्वक बताया जाता है। साथ ही पंचांग में रोज बनने वाले शुभ-अशुभ योग, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जाती है। पंचाग पांच अंगों से मिलकर बना होता है- तिथि, करण, योग, नक्षत्र और वार। इसलिए इसे पंचांग कहते हैं। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज मनाएं रक्षाबंधन पर्व (raksha bandhan date and Shubh Muhurat)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 11 अगस्त, गुरुवार को श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 10.38 से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह लगभग 07.15 तक रहेगी। चूंकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि 3 मुहूर्त से भी कम समय रहेगी, इसलिए रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाना ही शास्त्र सम्मत है। 11 अगस्त को भद्रा सुबह 10.38 से रात लगभग 08.30 तक रहेगी, इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षाबंधन पर्व मनाएं। इसके पहले नहीं।

11 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 11 August 2022)
11 अगस्त 2022, दिन गुरुवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 10.38 तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्योदय उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 06:53 तक रहेगा, इसके बाद श्रवण नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य और उसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से ध्वज नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य नाम के 2 अन्य योग भी बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर राहू दोपहर 02:08 PM से 03:45 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि में, मंगल वृषभ राशि में, शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

11 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- गुरुवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- उत्तराषाढ़ा और श्रवण
करण- वणिज और विष्टि 
सूर्योदय - 6:05 AM
सूर्यास्त - 6:58 PM
चन्द्रोदय - Aug 11 6:50 PM
चन्द्रास्त - Aug 12 5:59 AM
अभिजीत मुहूर्त– दोपहर 12:06 PM से 12:57 तक

11 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 6:05 AM – 7:41 AM
कुलिक - 9:18 AM – 10:55 AM
दुर्मुहूर्त - 10:23 AM – 11:14 AM और 03:32 PM – 04:23 PM
वर्ज्यम् - 07:42 AM – 09:08 AM

कुंडली का दूसरा भाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली का दूसरा घर या भाव धन का कारक है। व्यक्ति के पास कितनी स्थाई संपत्ति जैसे घर, भवन-भूमि होगी, दूसरे भाव से इस बात पर विचार किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में कोई शुभ ग्रह हो या शुभ ग्रहों की दृष्टि इस भाव पर हो तो उसे धन प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह द्वितीय भाव में हो और उस पर चंद्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो व्यक्ति कड़ी मेहनत के बाद भी आसानी से अमीर नहीं बन पाता है।

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