सार

13 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। शनिवार को शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इनके अलावा इस दिन शोभन और अतिगंड नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे।   
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में सौर यानी सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष की मान्यताएं हैं। इसके अनुसार, सूर्य हर महीने राशि बदलता है। इस तरह जब सूर्य मेष से लेकर मीन राशि तक की परिक्रमा पूरी कर लेता है तो इसे सौर वर्ष करते हैं। ये सौर वर्ष 365 दिन का होता है। चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता है। इस तरह चंद्रमा को 12 राशियों का भ्रमण करने में 28 से 29 दिन का समय लगता है। इसे एक चंद्र मास कहते हैं। जब चंद्रमा के 12 मास पूरे हो जाते हैं इसे एक चंद्र वर्ष कहते हैं। इसका समय लगभग 355 दिन का होता है। इस तरह सौर और चंद्र वर्ष की गणनाएं की जाती हैं। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

13 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 13 August 2022)
13 अगस्त 2022, दिन शनिवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। शनिवार को शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इनके अलावा इस दिन शोभन और अतिगंड नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। शनिवार को राहुकाल सुबह 09:18 से 10:55 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शनिवार को चंद्रमा कुंभ राशि में, मंगल वृषभ राशि में, शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

13 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- शतभिषा
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 6:06 AM
सूर्यास्त - 6:57 PM
चन्द्रोदय - Aug 13 8:20 PM
चन्द्रास्त - Aug 14 8:10 AM
अभिजीत मुहूर्त– दोपहर 12:06 PM से 12:57 तक

13 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:08 PM – 3:44 PM
कुलिक - 6:06 AM – 7:42 AM
दुर्मुहूर्त - 07:49 AM – 08:40 AM
वर्ज्यम् - 05:27 AM – 06:57 AM

कुंडली का चौथा भाव
ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार, कुंडली का चौथा भाव घर-परिवार और माता से संबंधित है। ये भाव परिवार और संबंध के प्रभावों को दर्शाता है जो समय के साथ बदल जाते हैं। केवल चतुर्थ भाव ही आपके परिवार व संबंध के बारे में है। इसलिए, यह घर आपके पूर्वजों, संपत्ति, भूमि, घर, मवेशियों, आपके पास मौजूद वाहनों से संबंधित है। सरल शब्दों में, वह सब कुछ जो आपके मूल स्थान पर मजबूत संबंधों को संदर्भित करता है, वह चतुर्थ भाव के अंतर्गत आता है।

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