सार

हिंदू धर्म में हर काम शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है और मुहूर्त की जानकारी पंचांग से मिलती है। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है।

उज्जैन. पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आगे जानिए 31 दिसंबर, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि संपूर्ण जानकारी…

आज की तिथि और पर्व
31 दिसंबर, शुक्रवार को विक्रम संवत 2078, जिसका नाम आनन्द है, के पौष मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसे सुरूप द्वादशी कहते हैं। द्वादशी तिथि का आरंभ 30 दिसंबर गुरुवार दोपहर 1.40 से होगा, जो 31 दिसंबर सुबह 10.39 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि का आरंभ होगा, जो 1 जनवरी की सुबह 7.17 तक रहेगा।

शुभ योग और मुहूर्त
31 दिसंबर, शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र दिन भर रहेगा। शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहा है। 30 दिसंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:35 से 06:23 तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:51 तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 12:45 से 01:11 तक रहेगा। अभिजीत और अमृत काल में शुभ काम किए जा सकते हैं।

ये है राहु काल का समय
31 दिसंबर, शुक्रवार को राहूकाल सुबह 11:10 से दोपहर 12:29 तक रहेगा। इसके अलावा यम गण्ड दोपहर 3.08 से शाम 4:29 तक, कुलिक सुबह 8:31 से 9:50 तक, दुर्मुहूर्त सुबह 9:19 से 10:01 तक रहेगा। ये सभी अशुभ काल है यानी इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें। 

ग्रहों की स्थिति
31 दिसंबर, शुक्रवार को शुक्र ग्रह वक्री अवस्था में मकर से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा। चंद्रमा तुला राशि में रहेगा। सूर्य धनु राशि में रहेगा। बुध मकर राशि में और शनि मकर राशि में, गुरु कुंभ राशि में, राहु वृषभ और केतु व मंगल वृश्चिक राशि में रहेंगे। 

इस दिशा में न करें यात्रा
शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।