सार
मनुष्य के चेहरे का हर हिस्सा उसे सुंदर बनाने के लिए जरूरी होता है। आज हम बात कर रहे हैं चेहरे के सबसे निचले भाग में स्थित ठोड़ी की। ठोड़ी होंठों के ठीक नीचे होती है। चेहरे को सुंदर बनाने में ठोड़ी का भी अहम योगदान रहता है।
उज्जैन. समुद्र शास्त्र के अनुसार ठोड़ी भी कई प्रकार की होती है। जो ठोड़ी चिकनी और मांसल हो वह शुभ होती है, वहीं नीचे की ओर झुकी हुई और सूखी हुई ठोड़ी अशुभ होती है। जानिए ठोड़ी के अनुसार किस व्यक्ति का स्वभाव कैसा होता है-
सामान्य ठोड़ी
ये ठोड़ी शुभ फलदायक होती है। इस प्रकार की ठोड़ी होंठों के ठीक नीचे समानांतर रूप से होती है। ऐसे ठोड़ी वाले लोग हमेशा सच बोलने वाले और अपने नियमों का पालन करने वाले होते हैं। ये लोग गंभीर और कम बोलने वाले होते हैं। ये कम जरूर बोलते हैं, लेकिन जब भी बोलते हैं काम की बात ही बोलते हैं।
लंबी ठोड़ी
जिन लोगों की ठोड़ी सामान्य से थोड़ी लंबी होती है, ऐसे लोगों में अनेक गुण होते हैं। ऐसे ठोड़ी वाले लोगों का मन स्थिर रहता है। ये एक ही लक्ष्य बनाकर लगातार उसे पाने के लिए संघर्ष करते हैं। जब तक ये अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते, चैन से नहीं बैठते। इनका निश्चय बहुत पक्का होता है।
छोटी ठोड़ी
ऐसी ठोड़ी सामान्य से थोड़ी छोटी होती है। ऐसी ठोड़ी वाले लोग आलसी, असंतोषी, विवेकहीन और काम से भागने वाले होते हैं। इनके मन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं रहती। इसलिए ये कामचोर प्रवृत्ति के होते हैं।
गोल ठोड़ी
जिन लोगों की ठोड़ी गोलाकार होती है, ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाते हैं। ये हर काम बहुत जल्दबाजी में करते हैं, इसलिए कभी-कभी इनके काम बिगड़ भी जाते हैं। ये लोग स्वयं को क्रोधी दिखाने का प्रयास तो करते हैं, लेकिन ये अंदर से बहुत डरपोक होते हैं। ये उत्तेजित और असभ्य भी होते हैं।
अण्डाकार ठोड़ी
इस प्रकार की ठोड़ी शुभ होती है। इस प्रकार की ठोड़ी वाले लोग भावुक, नटखट, कलाप्रेमी, व्यवहारिक और ऊंचे विचारों वाले होते हैं। ऐसे लोग कला के क्षेत्र में नाम कमाते हैं। इनका जीवन एक खुली किताब की तरह होता है। इन्हें इनके जीवन में कई सफलताएं देखने को मिलती हैं, लेकिन ये प्रयास करते रहते हैं और सफलता को प्राप्त कर ही दम लेते हैं।
मुख के अंदर दबी हुई ठोड़ी
ऐसी ठोड़ी चेहरे से थोड़ी अंदर की ओर दबी हुई रहती है। ऐसी ठोड़ी वाले लोग काफी चंचल होते हैं। साथ ही ये आलसी, निराशावादी व मायूस भी होते हैं। ये मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ नहीं होते। इसलिए इनमें सोचने-समझने की क्षमता भी आमतौर पर थोड़ी कम होती है। ये बहुत अधिक बोलते हैं, लेकिन ये क्या बोल रहे हैं और क्यों बोल रहे हैं, इस बात का अंदाजा इन्हें भी नहीं होता।
आगे निकली हुई ठोड़ी
ऐसे ठोड़ी चेहरे से थोड़ी आगे की ओर निकली हुई होती है। ऐसे लोग अपने काम के लिए कर्मठ और गतिशील तो होते हैं, लेकिन फिर भी इनमें बहुत से अवगुण भी होते हैं। ऐसी ठोड़ी वाले लोग स्वार्थी, पैसों के लिए कुछ भी करने वाले, धूर्त और कपटी होते हैं। इन पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता। ये लोग बिना बात पर किसी से भी लड़ने को तैयार रहते हैं।
वर्गाकार ठोड़ी
ये ठोड़ी समकोण की स्थिति में होती है। ऐसी ठोड़ी वाले लोग आमतौर पर आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। इनके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती। इसी पैसे के कारण इनमें कई अवगुण आ जाते हैं। ऐसे लोग वासना से युक्त और अपनी ताकत का दुरूपयोग करने वाले होते हैं। इन्हें आराम पसंद होता है। इसलिए ये थोड़े आलसी भी होते हैं।
चौड़ी ठोड़ी
ऐसी ठोड़ी सामान्य से थोड़ी चौड़ी होती है। ऐसी ठोड़ी वाले लोग एकांतप्रिय होते हैं। ये अपनी दिल की बात किसी को नहीं बताते। ये लोग बहुत भावुक होते हैं। जो भी काम करते हैं दिल से करते हैं। इनमें बनावटीपन बिल्कुल भी नहीं होता। इतने गुणों के बाद भी इनमें कुछ अवगुण होते हैं, जो इन्हें थोड़ा निम्नस्तरीय बनाते हैं।